मधुमक्खीयों के जरिये फूलों का परागकणों जीवन की सार्थकता को दर्शाता है
विश्व मधुमक्खी दिवस पर ख़ादी ने पर्यावरण के संरक्षण हेतु किया जागरूक
देहरादून। राज्य कार्यालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार द्वारा आज विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिनकी अध्यक्षता राज्य निदेशक प्रभारी, राम नारायण द्वारा की गयी। कार्यक्रम के प्रथम चरण में राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कांवली, देहरादून, में आयोजित किया गया उक्त कार्यक्रम में 125 छात्र-छात्रों ने एवं 07 शिक्षको व अन्य स्टाफ ने भाग लिया।
दूसरा कार्यक्रम ग्राफिक ऐरा हिल विश्वविधालय, देहरादून में किया गया जिसमे लगभग 200 बी.एस.सी कृषि के छात्र-छात्राओं व शिक्षको द्वारा प्रतिभाग किया गया।
अपने सम्बोधन में बोलते हुए श्री राम नारायण ने कहा कि आज का दिन मधुमक्खियों, पर्यावरण और विभिन्न खिलने वाले फूलों के बारे में जागरूकता और उन्होने संरक्षण देने का दिन है। विश्व मधुमक्खी दिवस धरती को स्वस्थ रखने एवं परागकणों के सामने आने वाली कठिनाईयों के बारे में जागरूक करने का दिन है। सदियों से मधुमक्खियां पराग को एक फूल से दूसरे फूल तक पहुंचाती हैं, जिससे फसल उत्पादन में 35 प्रतिशत तक वृद्वि होती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 मई 2018 को विश्व मुधमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया। साथ ही उन्होने अवगत कराया कि महान विशेषज्ञों में से एक एंटोन जन्सा (1734-1773) का जन्मदिन भी है, जो आधुनिक मधुमक्खी पालन के पहले शिक्षक थे। उन्होने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के कथन ‘’अगर मधुमक्खियां धरती से गायब हो जाती है, तो मनुष्य के पास जीवन जीने के लिए के लिए चार साल होगे। ’’
उल्लेखनिय है कि बहु उददेशीय प्रशिक्षण केन्द्र, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून ने भी इस अवसर पर डोलफिन (पी.जी.) कॉलेज,माण्डूवाला, देहरादून में विश्व मधुमक्खी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर मधुमक्खी विशेषज्ञ जे एस मालिक का कहना है कि मधुमक्खी हमारे जीवन व् फसलो के उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ साथ शहद की महत्ता व उपयोगीता व् बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार है तथा मधु के साथ साथ मधुमक्खी के अन्य उत्पाद की जानकारी दी गयी तथा कार्यक्रम का संचालन श्री डी डी जमलोकी द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में ग्राफिक ईरा हिल विश्वविधालय, देहरादून के डीन डा0 यशपाल सिंह व डा0 दीपक खोलिया ने भी इस अवसर अपने विचार व्यक्त किये तथा शंशाक श्रीवास्तव द्वारा कार्यक्रम को कोर्डिनेट किया गया तथा भविष्य में भी खादी ग्रामोद्योग आयेाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया गया।