वैश्विक महामारी का बिगड़ता स्वरूप : सतर्कता के साथ सख्त कदम उठने की जरूरत

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वैश्विक महामारी को लेकर पूरे देश मे आहकार मचा हुआ है। संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन सबके बावजूद युवाओ में कोरोना जैसी महामारी को लेकर ना तो कोई भय है और ना ही किसी बात को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। देश के कई हिस्सों में परिवार के लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। सरकार को कोरोना नियंत्रण हेतु सख्त कदम उठाते हुए सतर्कता बरतनी होगी। जांच का दायरा बढ़ाते हुए राज्य की सीमाओं को नियंत्रित करना होगा ताकि कोरोना संक्रमितों को राज्य की सीमाओं पर जाने से रोका जा सके।किसी भी अस्पताल में बेड खाली नहीं है। अगर चिकित्सा की बात करे तो डॉक्टरो और पैरा मेडिकल स्टाफ की बहुत कमी है l इस कठिनाई से उबरने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारों को चाहिए कि वह रिटायर्ड डॉक्टरो और पैरा मेडिकल स्टाफ को तुरंत अच्छा वेतन देकर contract पर रख ले। आज सही मायनों में चिकित्सा के क्षेत्र में अनुभवी लोगो की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य के चिकित्सालयों में बेड ना होने की वजह से मरीजों की तादाद बढ़ती ही जस रही है। सरकार को चाहिये कि अस्पतालों में बैड की संख्या बढ़ाई जाए ताकि आम आदमी को भी स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सके l देश के कई हिस्सों में ये पाया गया है कि इस समय गरीब, मजदूर और बेरोजगारों की स्थिति बहुत ही चिंताजनक और दयनीय है l ऐसे में सुनियोजित रणनीति के तहत राज्य की सरकार को चाहिए कि रोजगार पूरक योजनाये संचालित करें।

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