होम स्टे योजना से बदलेगी गांव की तस्वीर : जावलकर

0

ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम स्टे योजना के तहत प्रदेश भर के 73 गांवों को किया गया अधिसूचित

देहरादून । कोरोना संक्रमण के बुरे दौर से उभरते हुए उत्तराखंड में पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम स्टे योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत प्रदेश के छह जिलों के 13 डेस्टिनेशन में 73 गांवों को अधिसूचित किया गया है। ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में होम स्टे के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है।
इस सम्बंध में मीडिया को योजना से रूबरू कराते जारी बयान में पर्यटन सचिव  दिलीप जावलकर ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप से प्रभावित हुए पर्यटन सेंक्टर को पुर्नजीवित करने के लिए पर्यटन विभाग प्रतिबद्ध है। वर्ककेशन योजना के जरिए उत्तराखंड आने वाले पर्यटक अपनी छुट्टियों का आनंद लेने के साथ यहां के शांत व स्वच्छ वातावरण में वर्क फ्रॉम होम की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं। पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने व योजना को प्रोत्साहित करने के लिए 28 जून को अधिकारी अगोड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। योजना के तहत सहायता देकर सरकार स्थानीय व्यक्तियों को सशक्त कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि कोविड काल में रोजगार की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना सार्थक सिद्ध होगी।

टीम का नेतृत्व करने वाले अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुन्डीर ने बताया कि योजना के तहत उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में अगोड़ा ट्रेकिंग सेंटर में मॉडल के रूप में सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया जाएगा। सामुदायिक केंद्र में पर्यटकों के लिए स्वास्थ्य जांच केंद्र व खोज एवं बचाव की सुविधा के साथ ट्रेकिंग के लिए प्रयोग होने वाले उपकरणों को रखने के लिए कक्ष उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही केंद्र में पर्यटकों को स्वच्छ जल व स्वच्छ शौचालय की भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि अधिसूचित किए इन गांवों के व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। वहां के चयनित आवेदकों को अटैच्ड टायलेट सहित नए कक्षों के निर्माण को प्रति कक्ष 60 हजार और पूर्व से निर्मित कक्षों की साज-सज्जा के लिए 25 हजार रुपये प्रति कक्ष के हिसाब से राज सहायता दी जाएगी। आर्थिक सहायता से लाभार्थी छह कक्षों का निर्माण व साज-सज्जा कर सकते हैं। मूल्यांकन समिति के परीक्षण के बाद डीएम की संस्तुति पर अनुदान राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की संभावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाएं जुटाना और साहसिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां प्रदान करना है।

इसी क्रम में मंगलवार 29 जून को गठित की गयी टीम टिहरी झील को अन्र्तराष्ट्रीय डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने हेतु आस-पास के चिन्हित स्थलों का निरीक्षण करेंगी।

पर्यटन सचिव के दिशा-निर्देशों में गठित टीम के सदस्यों में पर्यटन विभाग के निदेशक अवस्थापना श्री ले.क. दीपक खण्डूड़ी, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी, उत्तरकाशी जिला पर्यटन अधिकारी समेत गढ़वाल मंडल विकास प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *