कोलेस्ट्राल का आयुर्वेदिक समाधान ! शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कैसे किया जाए कम : संतोष बंसल

                             पुश्तैनी वेद संतोष बंसल..

कोलेस्ट्रॉल क्या है ?
यह एक वसा ( चर्बी ) जैसा या मोम जैसा पदार्थ है। जो शरीर में कोशिका झिल्ली, कुछ हार्मोन और विटामिन डी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है
‘एलडीएल कोलेस्ट्रॉल’ और ‘एचडीएल कोलेस्ट्रॉल’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को गंदा माना जाता है। क्योंकि यही शरीर में असली परेशानी की जड़ है। इसका लेवल अधिक होने से आपको दिल के रोग, नसों के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे गंभीर परिणाम देने वाले जानलेवा रोग हो सकते हैं।जबकि ‘एचडीएल कोलेस्ट्रॉल’ अच्छा होता है और शरीर के कई कामकाज में सहायक है।

कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या हैं ?
ऐसा माना जाता है कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई पक्के लक्षण नहीं होते हैं। यही कारण है, कि डॉक्टर हमेशा ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। हालांकि कुछ संकेत हैं, जिन लक्षणों से आप जान सकते हैं कि आपके रक्त में गंदे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ गया है, जैसे जी मिचलाना, सुन्न होना, अत्यधिक थकान, सीने में दर्द या एनजाइना, सांस लेने में कठिनाई, हाथ-पांव में सुन्नपन या ठंडक, हाई ब्लड प्रेशर।

क्या करें-
पुरुषों को 45 से 65 और महिलाओं को, 55 से 64 की उम्र के बीच, प्रत्येक व्यक्ति को, एक से दो साल में ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। यदि आप 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो हर साल कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।

कोलेस्ट्राल का आयुर्वेदिक समाधान-
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए औषधि और व्यायाम के साथ उचित आहार करना अत्यंत आवश्यक हैं। इस रोग से मुक्ति पाने के लिए लोग महंगे से महंगी चिकित्सा करवाने से परहेज नहीं करते है, लेकिन इन औषधियों से कुछ समय तक प्रभाव तो पड़ता है। लेकिन अगर इसी के स्थान पर आयुर्वेदिक प्रयोगों को अपनाया जाए तो ये अत्यधिक प्रभावशाली हो सकते है।