पीएम योजना’ के तहत 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य
कौशल समीतियों को जोड़कर एक नई पहल की हुई शुरूआत
नैनीताल, 16 जनवरी। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने स्किल इंडिया मिशन की ‘फ्लैगशिप योजना’ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तीसरे चरण (पीएमकेवीवाई 3.0) का शुभारंभ कर दिया है। पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समीतियों को जोड़कर एक नई पहल की की गई है। इस योजना के तीसरे चरण का उद्देश्य जिला कौशल समीतियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना और साथ ही माँग आधारित कौशल विकास पहलों को बढ़ावा भी देना है। पीएमकेवीवाई 3.0 “वन नेशन, वन स्कीम” की दृष्टि से एक अग्रणी योजना है। इस योजना के अन्तर्गत 37 सेक्टर्स में 300 से अधिक पाठ्यक्रमों का एक प्रस्तावित पूल बनाया गया है। केवीवाई 3.0 योजना की शुरुआत माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी की गरिमामयी उपस्थिति में हुई। इस कार्यक्रम में माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री श्री आर.के. सिंह जी, उत्तर प्रदेश के कौशल राज्य मंत्री श्री कपिल देव अग्रवाल, हरियाणा के कौशल राज्य मंत्री मूल चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अध्यक्ष और L&T के ग्रुप चेयरमैन श्री ए.एम.नाईक जी, एनएसडीसी के मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं सीईओ श्री मनीष कुमार जी, मंत्रालय के सचिव श्री प्रवीण कुमार जी और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।म को संबोधित करते हुए माननीय माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी ने कहा “युवाओं को अगर सही मार्गदर्शन मिले, प्रशिक्षण मिले तो युवा अपने-अपने क्षेत्रों में महारथ हासिल करने में कामयब होंगे। यदि हमारे युवा कुशल बनकर बाहर काम करेंगे, उद्योग लगाएंगे तो देश की ग्रोथ बढ़ेगी, भारत के उद्योगों को एक नई ऊंचाई मिलेगी।उल्लेखनीय है कि पीएमकेवीवाई 3.0 योजना का लक्ष्य वित्त-वर्ष 2020-2021 में 8 लाख से अधिक उम्मीदवारों को लाभान्वित करना है। योजना के अंतर्गत मौजूदा कार्यबल की उत्पादकता को बढ़ाने और युवाओं की स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रत्येक प्रमाणित अभ्यर्थी को 2 लाख रुपये का 3 वर्षीय आकस्मिक बीमा (कौशल बीमा) भी दिया जाएगा। इस योजना में सभी अभ्यर्थियों को कौशल भारत मिशन के तहत NCVET से प्रमाणन भी मिलेगा। युवाओं को इन्डस्ट्री 4.0 के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने और जिला स्तर पर सशक्त बनाने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।