मसूरी। मसूरी से लगे टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत पौराणिक राज मौण मेले का आयोजन अगलाड़ नदी में किया गया। जिसमें जौनपुर जौनसार रवांई क्षेत्र के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने मेले में शिरकत की, और लगभग तीन किलोमीटर के दायरे में हजारों लोगों ने मछलियां पकड़ी। बताते चलें कि टिहरी जनपद क्षेत्र के अंतर्गत पौराणिक मौण मेला सैकड़ों वर्षों से आयोजित किया जाता रहा है जिसमें टिहरी रियासत के राज परिवार के लोग भी शामिल होते थे। इस मेले की शुरुआत टिहरी नरेश द्वारा की गई थी जिसमें वह स्वयं अपनी महारानी के साथ शामिल होते थे। इस मेले में टिमरू पाउडर को नदी में डालकर मछली पकड़ने की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जिसमें सबसे अधिक मछलियां पकड़ने वाले को पुरस्कृत भी किया जाता है। इसमें जाल कुंडियाला फटियाला और हाथों से मछलियां पकड़ी जाती हैं। माना जाता है कि इमरू पाउडर डालने से जहां नदी साफ होती है वहीं मछलियां भी कुछ देर के लिए मूर्छित हो जाती हैं जिसके बाद वह फिर जीवित हो जाती हैं। इस मेले में बच्चे युवा बुजुर्ग पारंपरिक मछली पकड़ने के औजारों से नदी में उतरते हैं और मछलियां पकड़ते हैं जिसे प्रसाद स्वरूप मेहमानों को परोसा जाता है। भारत का यह सबसे अनूठा मेला होता है जिसका उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण और नदी की सफाई करना होता है ताकि मछलियों को प्रजनन के लिए साफ पानी मिल सके। इस अवसर पर ग्रामीण विनोद सजवान ने बताया कि यह जौनपुर की सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है इसमें जौनपुर के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से लोग आते हैं और इस मेले का आनंद लेते हैं। ग्रामीण कन्हैया राणा ने बताया कि टिमरु के पाउडर बनाने का काम हर वर्ष अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को दिया जाता है और इस मेले की अपनी अलग पहचान है जिसमें ग्रामीण बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।