महाशिवरात्रि पर भक्तों का उमड़ा जनसैलाब….

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देहरादून। भोलेनाथ की भक्ति में डूबे भक्तों की लंबी कतार जलाभिषेक के लिए मंदिरों के बाहर लगी है। वहीं टपकेश्वर महादेव मंदिर सहित अनेकों मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें लगी रही। इस अवसर पर महादेव को पंचामृत से स्नान कराने के साथ ही बिल्व पत्र, भांग, धतूरा, फल-फूल आदि चढ़ा कर भोलेनाथ प्रसन्न किया जा रहा है। श्रद्धालु आज पुण्य का लाभ ले रहे हैं। यहां प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चैदस तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस बार इस तिथि की शुरुआत 18 फरवरी को शाम 05.55 बजे से होगा और अगले दिन 19 फरवरी को सुबह 3.32 बजे समापन होगा। तीन अद्भुत संयोग के पड़ने से इस महाशिवरात्रि बेहद खास हो गई है। व्रतियों का विशेष फल प्राप्त होगा। सूर्य और शनि की एक साथ कृपया होगी। इस अवसर पर बताया गया कि शनिवार होने के कारण शनि प्रदोष का योग बन रहा है तो इसी दिन स्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है। वहीं तीसरा 30 वर्षों बाद सूर्य और शनि यानी पिता-पुत्र एक साथ शनि की कुंभ राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में इस महाशिवरात्रि का विशेष महत्व बन रहा है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रहकर चार पहर भगवान शिव की पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो मनुष्य वर्ष भर कोई उपवास नहीं कर पाता, उसे केवल शिवरात्रि का व्रत करने से वर्षभर के व्रत का पुण्य प्राप्त हो जाता है। इस दौरान बताया गया कि इस बार शिवरात्रि पर तीन अद्भुत संयोग बनने से यह त्योहार खास बन गया है। इस अवसर पर बताया गया कि शनि प्रदोष का योग होने से संतान कामना की पूर्ति होती है इसलिए यह व्रत पुत्र दायक माना गया है। दूसरा इसी दिन स्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है। स्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी कार्य करने से पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती है। वहीं तीसरा इस बार 30 वर्षों बाद सूर्य और शनि यानी पिता-पुत्र कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। इसलिए इस बार व्रतियों को सूर्य और शनि की एक साथ कृपा प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर राजधानी व आसपास के क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और लोगों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की तथा व्रत रखा, वहीं गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर मंदिर में मध्य रात्रि से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई और हर हर महादेव व बम-बम भोले की गूंज से द्रोणनगरी गुंजायमान हो गई और श्रद्धालुओं ने शिवालय पर जलाभिषेक कर पुण्य कमाया और पूजा अर्चना की गई। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी टपकेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया। इस अवसर पर टपकेश्वर मंदिर में रिकार्ड तोड़ श्रद्धालु पहंुचे और लंबी लंबी कतार लगी रही। वहीं दूसरी ओर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई। यहां राजधानी के अनेक मंदिरांे में मध्य रात्रि से सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी और टपकेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुुओं की रिकार्ड तोड़ भारी भीड़ देखी गई और मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार लगी रही और पुलिस का खासा इंतजाम किया गया। इस अवसर पर पुलिस के उच्च अधिकारी सुरक्षा पर नजर गढाये हुए दिखाई दिये। महाशिवरात्रि के दृष्टिगत नगर के विभिन्न शिवालियों को आकर्षक ढंग से सजाया गया और मध्य रात्रि से ही श्रद्धालुओं का तांता विभिन्न शिवालियों में लगने लगा और सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किये हुए थे।

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