बेलगाम न्यूज पोर्टल : पत्रकारिता का गिरता स्तर

0

लेखक की कलम से…….

देहरादून। देश में महामारी की शुरुआत जब से हुई है तब से समाचार पोर्टल की बाढ़ सी आ गयी है। जिसे देखो हर कोई पोर्टल व वेबसाइड खोले बैठा है। जिसका पत्रकारिता से कोई लेना देना नही है वो भी वेबसाइड या न्यूज़ पोर्टल के जरिये सरकार के या फिर किसी उच्च पद पर बैठे अधिकारियो पर निशाना साधते हुए समाचारो की सुर्खियों में रहकर अपने काले कारनामो को अंजाम दे रहे है। आज उत्तराखण्ड में डिजिटल मीडिया के नाम से गलत लोग इसका हिस्सा बन चुके है।
हम ऐसा नही कह सकते है कि वेब मीडिया गलत लोगो के हाथो में आने से इसकी विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। ऐसा नही है क्योंकि आज भी वेब मोडिया में अच्छे लोग जुड़े है जो समाज व देशहित के लिये कार्य कर रहे है।
परन्तु आज न्यूज पोर्टल व वेबसाइड के जरिये समाचार के रूप में जो परोसा जा रहा है उसमे कहीं हद तक वो विभाग भी जिम्मेदार है जो इसकी मॉनिटरिंग ठीक प्रकार से नही कर पा रहे है। इन पर निगरानी करने वाले सम्बन्धित विभाग को चाहिए कि उन समाचारो पर अंकुश लगाया जाए जो देश की एकता व अखण्डता के लिए घातक है। आज इनके दुरूपयोग के कारण लोगो ने वेब मीडिया पर काफी हद तक सवालिया निशान खड़े कर दिए है। जिस वजह से सोशल मीडिया का स्तर निरन्तर गिर रहा है। जबकि प्रिंट मीडिया( समाचार पत्रों) में आज भी विश्वसनीयता कायम है क्योकि इसमें निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले वे लोग है जिन्होंने इसके लिये अपना जीवन समर्पित किया है।
पहले पोर्टल व वेबसाइड बड़े मीडिया घरानो से जुड़े लोग चलाते थे। उस समय पोर्टल या वेबसाइड बनाना इतना आसान ना था क्योंकि इसका खर्च ही इतना था कि इससे जुड़ पाना हर किसी के लिये सम्भव नही था।
परन्तु धीरे धीरे समाचार पोर्टल वेबसाइड बनाना आसान होने लगा। इस लाइन में कई कम्पनियों ने अपने हाथ आजमाने शरू कर दिए। इसे बनाने में पहले बहुत अधिक पैसे खर्च होते थे परन्तु अब कम कीमत में इससे जुड़ना आसान हो गया। वर्तमान में बदलते स्वरूप को देखकर प्रिंट मीडिया से जुड़े लोग भी अब अपने पोर्टल व वेबसाइड बनाने लगे। परन्तु अब स्थिति ये हो गयी कि वे अपने इस प्रोफेशन से प्रिंट मीडिया के साथ सही न्याय नही कर पा रहे है। आज समाचारो को बिना विश्लेषण व तथ्यों को जाने बगैर समाचार पोस्ट किए जा रहे है।

हालांकि समाचार पोर्टल की कई सालों से शुरआत हो चुकी थी परन्तु कुछ ही लोग थे जो पोर्टल चला रहे थे।
आज स्थिति ये है की मोबाइल पर वॉट्सप खोलते ही वेबसाइड व पोर्टलों में एक के बाद एक खबरों की लाइन लग जाती है।

इस तकनीकी खोज के कारण बहुत से लोगो की मुश्किलें आसान हो गयी है। आज दुनिया मे सोशल मीडिया ने आम आदमी की आवाज सरकार तक पहुँचाने का कार्य किया है। परन्तु दूसरी और देखा जाए तो लोगो ने इसका अनावश्यक रूप से दुरूपयोग कर इसको कमाई का साधन बना दिया है। इसके माध्यम से समाचारो की विश्वसनीयता व पत्रकारिता का स्तर भी धीरे-धीरे गिरता जा रहा। आज हर कोई मोबाइल के जरिये पोर्टल व वेबसाईड बनाकर दूसरो की खबरों को कॉपी कर बड़ी आसानी से विभिन्न ग्रुपो में खबरे एक समान पोस्ट कर देते है। पोर्टल व वेबसाइड के इस खेल में कोई भी शख्स जिसने कभी लिखाई पढ़ाई ना की हो वी भी वेबसाइड व पोर्टल का हिस्सा बनता जा रहा है। दूसरो की खबरे पोस्ट कर रातो रात पत्रकारिता के आयाम छूने की कोशिश की जा रही है। सरकार व शासन की तरफ से कोई मानक निर्धारित नही किये गए है।
पत्रकारिता के जरिये अपनी आजीविका चला रहे उन लोगो के लिए बहुत बड़ी चुनोती है। जो कई वर्षों से पत्रकारिता कर रहे है परन्तु प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कैसे अपने आप को सही साबित कर पाएंगे। तथ्यों की गहराई जाने बगैर सोशल मीडिया में अपने आपको स्थापित करने वाले लोगो पर क्या कभी अंकुश लग पायेगा। मीडिया ग्रुपो में रोजाना एक समान रूप से सैकड़ो खबरे पोस्ट की जाती है। लेकिन कोई भी आपत्ति नही उठाता।
वर्तमान परिवेश में कलम की लेखनी का वो दौर ना जाने कहाँ गुम हो गया है।
आज देश मे जो परिवर्तन हम देख रहे है वो सुखद व आश्चर्यपूर्ण नही है उसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे ये कोई नही जानता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed