क्रेशर मशीनों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित किए जाने की उठाई मांग…..

देहरादून। आवासीय क्षेत्र में चल रहे खनन द्वारा आम जनजीवन पर पड रहे प्रतिकूल प्रभाव को रोकने हेतु उत्तराखंड कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सचिव से मिला।

समस्या से अवगत कराते हुए महासचिव विनोद सिंह चौहान ने अवगत कराया कि मनमाने तरीके से हो रहे खनन के दोहन से प्रदूषण के साथ-साथ अन्य गतिविधियों से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
क्रेशर मशीनें पत्थरों को पीसने के दौरान धूल उड़ाती हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है और आसपास के वातावरण में धुंध छा जाती है साथ ही क्रेशर मशीनों से भारी शोर भी होता है, जिससे आस पास का जनजीवन प्रभावित होता है जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां क्रेशर मशीनें आवासीय क्षेत्रों के पास स्थित हैं वहां के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं उनका निराकरण आवश्यक है।
क्रेशर मशीनों द्वारा पत्थरों को पीसने से बड़ी मात्रा में धूल निकलती है जो हवा में मिल जाती है जिस सीवीसे आसपास माहौल दूषित हो जाता है।
क्रेशर मशीनों से निकलने वाला शोर, विशेष रूप से जब कई मशीनें एक साथ काम कर रही होती हैं, तो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनता है और आसपास के लोगों एवं पशुओं का जीवन दुश्वार हो जाता है। नाला पानी से लगे क्षेत्र खलंगा से लगने वाली नदी में खन्न इस कद्र बड़ी-बड़ी मशीनों से हो रहा है कि खलंगा के आस पास के लोगों एवं खलंगा के जंगल का कटान होने से पेड़ पौधों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
खनन मशीनों से किया जा रहा है जिससे बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं और जान-माल का खतरा बना रहता है खनन वाले नदी को मानकों से अधिक खोद देते हैं यहां तक कि पुलों के नीचे जहां पुल जिन पिल्लरों पर टिका होता है उसके नीचे भी खोद देते हैं जिस कारण पुल गिर जाते हैं खनन का कार्य मशीनों से बिल्कुल ना करा जाए जिससे पर्यावरण नुकसान से बचा जा सके।
क्रेशर से होने वाले प्रदूषण से स्वास्थ्य खराब होने का खतरा सदैव बना रहता है
धूल से सांस लेने में तकलीफ, सिलिकोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं, खासकर उन लोगों को जो क्रेशर प्लांट में काम करते हैं या उसके आसपास रहते हैं।
स्टोन क्रेशर धूल, पानी और हरियाली को नुकसान पहुंचाती है।
ध्वनि प्रदूषण से लोगों के जीवन को मुश्किल बना हुआ है।
प्रदूषण को कम करने के उपाय एवं नियमों का सख्त पालन किया जाना चाहिए।
क्रेशर प्लांटों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत उत्सर्जन मानदंडों का पालन करना चाहिए।
क्रेशर प्लांटों में धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव नियमित किया जाना चाहिए और धूल दमन प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए।
क्रेशर मशीनों को आवासीय क्षेत्रों से दूर स्थापित किया जाना चाहिए या ध्वनि बाधाओं का उपयोग किया जाना चाहिए।
खनन गतिविधियों को वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधित किया जाना चाहिए।
क्रेशर इकाइयों के चारों ओर हरियाली विकसित की जानी चाहिए।
अवैध क्रेशर इकाइयों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए ।
श्रमिकों का स्वास्थ्य नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए। ओवरलोडिंग पूर्णतया बंद होनी चाहिए।
हरिद्वार बायपास निकट पुरानी पुलिस चौकी पर नेक्सोंन का शोरूम है जिसका कंप्रेसर इतनी आवाज करता है की आसपास की कॉलोनी के लोगों की आये दिन शिकायत है रात के समय बुजुर्ग आदमी को इतनी परेशानी प्रस्तावना करना पड़ता है कि वह सो भी नहीं पाते और पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में योगदान होता है कृपया संज्ञान लेने का कष्ट करें।
रात को चलने वाली वेल्डिंग मशीनों पर भी प्रतिबंध होना चाहिए जो आबादी क्षेत्र में है रात के समय इससे लोगों का जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है।
राजपुर रोड पर प्रायः देखा जाता है कि जितने भी बार हैं वे तय समयानुसार बंद नहीं होते जिससे कि वहां जाने वाले लोग जब रोड पर निकलते हैं तो तेज गति से हॉर्न बजा कर वाहन चलाते हैं गाड़ियों से विषैला धुआं निकलता है जिससे प्रदूषण को नुकसान पहुंचता है।
खनन न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे आसपास के जलस्रोत, वायु गुणवत्ता और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस क्षेत्र में लगातार धूल, शोर, और पानी के प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है।
रेडियम मार्केटिंग फैक्ट्री मोहब्बेवाला किसी भी प्रकार से मानकों को पूरा नहीं कर रहा है।
देहरादून शहर का घरेलू कूड़ा प्रतिदिन “आसन नदी, शीशम बाड़ा, टीचिंग ग्राउंड, देहरादून” में डाला जाता है यह आसन नदी के पास है और इसके आस पास आवादी क्षेत्र है
यहां से विशेषकर दुर्गंध चलती रहती है और कूड़े का रिसाव नदी में होता है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड रहें हैं।
इसके बावजूद भी देहरादून शहर का मुख्य कूड़ा निस्तारण केंद्र बना हुआ है।
इसे यहां से अन्यत्र शिफ्ट किया जाए।
कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि कृपया इन सभी विषयों पर शीघ्र जांच कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।

कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि जनहित ध्यान में रखकर उपरोक्त विषय पर दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन देने वालों में राहुल शर्मा, आशीष गुसाई, महेश जोशी, मोहन रावत, तेजेन्द्र सिंह रावत ,गौरव रावत, गुल मोहम्मद ,संजय मौर्य विक्की गोयल, मनीष गर्ग, रिपु दमन, प्रमोद गुप्ता, अर्पण सलाल, सुनील नौटियाल, नीरज स्वामीनाथ,अर्पण सैलाल, प्रमोद शर्मा, नीरज नाटा, स्वामीनाथ, मोहन रावत, तेजेंद्र रावत, दारा, गौरव रावत, सुनील नौटियाल, संजय मौर्य, राहुल शर्मा, विजय गुप्ता,गुल मोहम्मद, रिपु दमन सिंह, मनोज चौधरी, अनिल उनियाल,अर्पण सैलाल, प्रमोद शर्मा, नीरज नाटा, स्वामीनाथ, मोहन रावत, तेजेंद्र रावत, दारा, मनोज चौधरी आदि कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।