सीएम से मिलकर खंडूरी ने फिर किया शिक्षकों को दर्द बयां….

देहरादून । भारतीय जनता पार्टी नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री (दर्जाधारी) विवेकानंद खंडूड़ी ने होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस पर ननूरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीएवी (पीजी) कालेज के 10 प्रवक्ताओं को चार साल से रुके वेतन का भुगतान, और एच.एन.बी. गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध नौ डिग्री कॉलेजों में 2017 से नियुक्तियों पर लगाईं गई रोक को हटाने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विस्तृत वार्ता की है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने इस मामले पर आगे वार्ता के लिए बुलाने का आश्वासन भी दिया है।
इस दौरान विवेकानंद खंडूड़ी ने मुख्यमंत्री श्री धामी को बताया कि, डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून के दस शिक्षकों की, मार्च 2020 में डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून में नियुक्ति हुई थी। इन सभी दस शिक्षकों की नियुक्ति पूर्णतः नियमसंगत नीति से हुई थी। जिसमें निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा दी गई अनुमति और नियुक्ति के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति का अनुमोदन भी शामिल है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल ने भी , डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून के इन दस शिक्षकों के पक्ष में फैसला देते हुए निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तराखंड को वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं। ये शिक्षक लगभग 4 वर्ष से अधिक समय से नियमित रुप से कालेज में अध्यापन एवं सभी कार्यभार संभाल रहे हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इनका वेतन निर्गत नहीं हुआ । जिसके कारण ये शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। श्री खंडूड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से आग्रह किया है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस समस्या का जनहित में समाधान करें।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री धामी को अवगत कराया गया कि, गढ़वाल मंडल के एच.एन.बी. गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्रतिष्ठित एतिहासिक डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, एम.के.पी (पी.जी) महिला कालेज सहित 9 अशासकीय डिग्री कॉलेजों में वर्ष 2017 से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिटायर होने के उपरांत कोई भी नियुक्तियां नहीं की गई हैं। उच्च शिक्षा विभाग एवं शासन की असंवेदनशीलता के कारण शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से इन कालेजों में शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हुई हैं। छात्रों के पठन पाठन पर बड़ा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। एच.एन.बी. श्रीनगर गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ज्यादा छात्र, सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध इन नौ कालेजों में शिक्षा ग्रहण करते हैं। छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों पर अनावश्यक कार्यभार की मार पड़ रही है। छात्रों की संख्या के मुक़ाबले शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की संख्या अत्यंत कम है।
खंडूड़ी ने इन नौ महाविद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षक हित में सभी रिक्तियों पर शीघ्र नियुक्तियां करने का आग्रह किया।