बड़ोंग सुरंग- ब्रिटिश इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
Dr. BR Chauhan
बडोग-एक अद्भुत रेल सुरंग….
हिमाचल प्रदेश । बडोग रेल सुरंग हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है और कालका रेलवे स्टेशन से 41 किलो मीटर दूर है.यह ब्रिटिश इंजीनियरिंग कारीगिरी की एक अद्भुत मिसाल है. इस सुरंग की लंबाई 1143.61 मीटर है और इसे विश्व की सबसे सीधी सुरंग माना गया है।
इसके पुराने और गौरवशाली इतिहास को मध्य नज़र रखते हुए युनेस्को ने इसे विश्व धरोहर मानाहै।
बडोग सुरंग को वर्ल्ड हेरिटेज साइट मे शामिल किया है।
19 वीं शताब्दी के अंत में इस सुरंग को बनाने का जिम्मा ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बडोग को सौंपा गया था. कर्नल बडोग ने इस पहाड़ की चोटी का अवलोकन किया और दोनों चिन्हित छोरों पर खुदाई का आदेश दिया। खुदाई का काम काफी जोर शोर से चल रहा था लेकिन दुर्भाग्यवश सुरंग के दोनों छोर आपस में नही मिले. कर्नल बडोग की इस गलती को सरकार ने बड़ी गंभीरता से लिया और उन पर एक रुपए का जुर्माना लगा दिया। कर्नल बडोग ने इसे अपना अपमान माना और यह बात दिल पर लगा ली। एक दिन वह सुबह अपने प्यारे कुत्ते के साथ टहलने निकले और सुरंग के नजदीक जाकर अपने आप को गोली मार ली. इस दुर्घटना से सरकार भी परेशानी में पड़ गयी। बाद में इस सुरंग का काम किसी दूसरे इंजीनियर को सौंपा गया।
कर्नल बडो़ग की मृत्यु के बाद 1900 में इस सुरंग को पूरा करने की जिम्मेदारी एच. एस. हर्लीगटन को दी गई. हर्लीगटन को भी सुरंग निर्माण में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा. बताया जाता हैं की संयोगवश उन्हे बताया गया की चायल के भलकु नाम के एक व्यक्ति को इस पहाड़ की चोटी की पूरी जानकारी है जो यहाँ पर अपने पशु, भेड़ बकरियों को चराया करते थे। इंजीनियर ने बाबा भलकु से संपर्क किया और उनकी सलाह पर काम शुरू किया गया और सौभाग्यवश यह सुरंग 1903 में तैयार हो गई. इसके अतिरिक्त बाबा भलकु ने इस रेल मार्ग पर अन्य सुरंगे खोदने में भी ब्रिटिश सरकार की मदद की। यहाँ यह बताना उचित रहेगा की बाबा भलकु बहुत ही मेहनती और समझदार व्यक्ति थे लेकिन वह पढ़े लिखे नही थे। उपरोक्त जानकारी हमे “शिमला गजट” से भी मिलती है।
चूंकि इस सुरंग का प्रारंभिक कार्य कर्नल बडोग द्वारा संपादित किया गया था और उन्होंने इस पर काफी काम भी किया हुआ था। इस बात को मध्य नज़र रखते हुए इस सुरंग का नाम कर्नल बडो़ग के नाम पर ही रखा गया।
यह भी प्रचलित है कि ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बडो़ग की आत्महत्या के बाद यहाँ कई अप्रिय घटनाएं होने लगी, सुरंग में चीखने चिलाने की आवाजे भी आने लगी। लोगों ने यहाँ मन्दिर भी बनाया और पूजा अर्चना भी की लेकिन कुछ लोगों के मुताबिक अब भी कभी कभी डरावनी आवाजें आती रहती है।
बडो़ग रेलवे स्टैशन और बडो़ग सुरंग पर्यटको के लिए एक आकर्षक और मनमोहक स्थल है. इस सुरंग को पार करने मे गाड़ी ढ़ाई मिनट का समय लेती है. बड़ोग रेलवे स्टैशन पुराने लेकिन आकर्षक व मनोरम स्कॉटिश शैली में बनाया गया है..