आजादी की 78वीं वर्षगांठ कों अमृत महोत्सव के रूप में मनाया ….

शिवगंगा एनक्लेव डांडालखौड़ में स्वतंत्रता दिवस की रही धूम

देहरादून। डांडालखौड़ स्थित “शिवगंगा एनक्लेव” के निवासियों ने अपनी सोसाइटी “शिवगंगा एनक्लेव जनकल्याण समिति” के बैनर तले प्रस्तावित शिव मंदिर परिसर में प्रातः 10:30 बजे स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय थीम “राष्ट्र प्रथम हमेशा प्रथम” जो की आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया।

आजादी के 78वीं वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया। आजादी के इस महोत्सव के मौके पर “शिवगंगा एनक्लेव” की मातृ शक्ति और पुरूषों के साथ ही बच्चों ने भी बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।

सहस्त्रधारा रोड, डांडालखौड़ स्थित “शिवगंगा एनक्लेव” में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वज फहराया गया तथा साथ-साथ देश भक्ति के गीतों की प्रस्तुति ने पूरा वातावरण को राष्ट्र भक्ति से सराबोर कर दिया। देशभर में 15 अगस्‍त को 200 वर्षों की लंबी अंग्रेजी दास्‍ता से आजादी पाने का जश्‍न मनाया गया। इसी उपलक्ष्य में आजादी के 78वे़ं साल को शिवगंगा वासियों ने धूमधाम से मनाया।

इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने देश की आजादी में योगदान देने वाले शहीदों को याद करते हुए उन्हें अपने श्रृद्धासुमन अर्पित किये। वक्ताओं ने बताया कि हम अपने शहीदों के ऋणी हैं जिनकी वजह से आज खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। हमारे लिए आजादी एक अवसर के रूप में है हमें इस को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए सतत प्रयास जारी रखने की जरूरत है। आजादी के 78वें वर्षगांठ को पूरा देश इस बार स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय थीम “राष्ट्र प्रथम हमेशा प्रथम” जो की आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया है।

देश आजादी के 78वे साल में प्रवेश कर रहा है, यह सभी के लिए गर्व की बात है।

शिवगंगा एनक्लेव के ध्वज फहराने के आयोजन के साथ-साथ महिलाओं ने सामूहिक रूप से देशभक्ति से ओतप्रोत अनेक प्रस्तुतियां दी। ध्वज फहराने और “राष्ट् प्रथम हमेशा प्रथम” अमृत महोत्सव के आयोजन की अध्यक्षता हमारे वयोवृद्ध श्री राजपाल सिंह ने किया जबकि विशिष्ट अतिथि श्री , सोवन सिंह पंवार, सपन ढोंडियाल एवं बी. सी. सनवाल थे। कार्यक्रम का संयोजन “शिवगंगा एनक्लेव” के अध्यक्ष कृपाल सिंह बिष्ट और संचालन कोषाध्यक्ष हरीश शर्मा एवं कुलदीप सिंह बिष्ट ने किया ।

इस अवसर पर सभी बच्चों को उनके मनोबल बढ़ाने के लिए समिति के उपाध्यक्ष श्री कमल सिंह गुसांईं एवं श्री हर्ष गॉड द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया ताकि आने वाले समय में बच्चे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले सके।