पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर 27 अक्टूबर को भारत बंद की चेतावनी

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हिमाचल प्रदेश/बिलासपुर (जगदीश चंद)। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर देश भर मे अब आंदोलन का बिगुल बज उठा है। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर संतुष्ट नहीं है। पूरे देश मे ये मुद्दा अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है।

उत्तर भारत में हुई रथयात्रा मंगलवार को बिलासपुर में पहुंची। वहाँ अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल ने बताया कि यदि 27 अक्टूबर तक केंद्र सरकार पुरानी पेंशन की बहाली नहीं करती तो सभी देश भर के कर्मचारी मिलकर भारत बंद करेंगे। इसमें हर प्रकार से केंद्र सरकार जिम्मेदारी हेतु तत्पर रहे।

आगे उन्होंने बताया कि शिक्षक संघ कोई राजनीतिक संगठन नहीं है यह कर्मचारियों को दिए गए अधिकारों के अनुरूप अपनी लड़ाई लड़ रहा है। फिर रामपाल राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जो इस लड़ाई में उनका साथी होगा, आगामी चुनाव में वे उनका ही समर्थन करेंगे।
समूचे देश में चार यात्राएं शुरू हुई हैं, यथा —-पहली यात्रा कन्याकुमारी से , दूसरी गुवाहाटी से, तीसरी सोमनाथ से और चतुर्थ यात्रा अटारी बॉर्डर से प्रारंभ हुई है। मुख्यतः इसमें पुरानी पेंशन बहाली तथा एनपीएस को बंद करना शामिल हैं।
एनपीएस लॉंच के दौरान यह बताया गया था कि यह एक बेहतर योजना है, लेकिन इसे कहकर कर्मचारियों को भ्रमित करने के सिवाय एक छलावा मात्र था। क्योंकि जो असली सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलनी चाहिए थी, उससे बहुत कम पेंशन ही उन्हें मिल पायी। एनपीएस में तो जो एक बार पेंशन निर्धारित हुई, वही उन्हें मिलती रहेगी।
आगे उन्होंने बताया कि पूरे भारत वर्ष में 36 संगठन मिलकर ओपीएस बहाली हेतु यह संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 27 अक्टूबर तक पुरानी पेंशन बहाली न की गई तो सभी संगठनाओं ने मिलकर फैसला लिया है कि भारत बंद हेतु बाध्य होवेंगे या अन्य कठोर कदम उठाने से भी संकोच न करेंगे। यही नहीं, उन्होंने मांग रखी कि सेंट्रल पे कमीशन केंद्र कर्मचारियों के अतिरिक्त राज्य कर्मचारियों पर भी लागू होना चाहिए। समान काम समान वेतन देना अनिवार्य है। जो अध्यापकों को आउटसोर्सिंग पर रखा जा रहा है वह अन्याय ही नहीं अपितु उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। इनकी भर्ती को नियमित किया जाना चाहिए। समूचे प्रदेश में अध्यापकों के हज़ारों पद रिक्त हैं जिन्हें भरा जाना अत्यावश्यक है। प्रदेश में प्री-प्रायमरी की कक्षाएं शुरू की गई हैं किंतु उसकी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। सरकार से उन्होंने अनुरोध किया है कि एतदर्थ अध्यापकों की भर्ती की जाए।

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