डॉक्टर रतन सिंह ने मानवता व कर्तव्य की लिखी नई इबारत…

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अभिनंदन समारोह मे उनकी प्रतिभा को करेंगे लोग सलाम..

बी. आर. चौहान
दिल्ली। “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है ”

डॉक्टर रतन सिंह व उनकी पत्नी शान्ति देवी इसका जीता जागता उदाहरण है जिनके उत्कृष्ट कार्यों से आज उन्हे देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर मे सम्मान मिला है।
उनके योगदान को देखते हुए
कल दिल्ली के कुछ बुद्धिजीवियों, चिकित्सकों, वरिष्ठ नागरिकों और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा डॉ रतन सिंह व उनकी पत्नी शांति देवी का अभिनंदन किया जायेगा।
डॉ रतन सिंह का जन्म हरियाणा के एक गांव लिखी, पलवल मे हुआ था. यह प्रारंभ से ही एक मेधावी छात्र रहे है। 1965 में इन्होंने आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दाखिला लिया और वहीं से एम. बी. बी. एस और एम.डी किया।डॉ. सिंह ने इसके अतिरिक्त अमेरिका में चिकित्सा के क्षेत्र मे उच्च अध्ययन भी किया और वहाँ भी अपनी सेवाएं दी।
इसके बाद इन्होंने लीबिया समेत कई देशों मे डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया और अस्पतालों में भी अपनी चिकित्सीय सेवाएं दी। इसके साथ साथ ही इन्होंने विदेशों में जगह जगह कैम्प लगाकर गरीबों व असहाय लोगो की सेवा की. इन समाजसेवी कार्यो मे उनकी धर्मपत्नी भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती थी।
डॉ. सिंह के दो बेटे एक अजय रतन सिंह जो अमेरिका मे मेडिकल के क्षेत्र में प्रोफेसर के पद कार्यरत है और दूसरे बेटे विजय रतन सिंह इंग्लैंड मे अपनी डॉक्टर की प्रैक्टिस कर रहे है. इनकी दो बेटियां भी डॉक्टर है।

अब डॉ सिंह प्रोफेसर के पद से रिटायर होकर भारत वापिस आ चुके हैं.वह और उनकी पत्नी कई राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रोँ में अपनी सेवाएं दे रहे है और जगह जगह मुफ्त मेडिकल कैम्प लगाकर गरीबों और असहाय की सेवा कर रहे हैं
उपरोक्त जानकारी समारोह के संयोजक श्री वीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि कल होने वाले इस समारोह की अध्यक्षता उदय सिंह, भारतीय विदेश सेवा ( रिटायरड)करेंगे।
श्री उदय सिंह कई देशों मे भारत के राजदूत रह चुके है।

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