देहरादून । अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सोशल मीडिया की चेयरमैन एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि कांग्रेस की नीतियाँ जनहित में बदलेगी नई तस्वीर। उन्होंने कहा मोदी सरकार में बने कानून जनता की अपेक्षाओं पर विफल साबित हुए है। जनता सरकार की तानाशाही नीतियों से त्रस्त है। देश में बदलाव बेहद जरूरी है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत आज कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रही थी। इस मौके पर कांग्रेस ने आज अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए उसकी नीतियों को सर्वजनिक किया।
उन्होंने कहा कांग्रेस का ये घोषणा पत्र कमरे में बैठकर पूंजी पतियों की लिस्ट पर नहीं बना है, यह घोषणा पत्र कुछ विशेषज्ञ या जानकारों से बात करके नहीं बना है। यह घोषणा पत्र इस देश की आवाज है इसकी जो वेबसाइट है उसका नाम भी है आवाज भारत की, और यह घोषणा पत्र भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जिन करोड़ों करोड़ देश के लोगों से मिले हैं जिनकी आशाओं को, अपेक्षाओं को, आकांक्षाओं को और आशंकाओं को भी, उनके दुख, कष्ट और तकलीफों को भी हमने सुना यह उसका प्रतिबिंब है और इस घोषणा पत्र के पांच प्रमुख बिंदु है-नारी न्याय, युवा न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय। 10 साल से देश बहुत सारी परेशानियां झेल रहा है और उन सारी परेशानियों का इस घोषणा पत्र में समाधान है।
युवा न्याय : इस देश में बेरोजगारी अपने 45 साल की चरम सीमा पर है इस देश में बेरोजगार जब अपनी नौकरी की बात करता है तो उसको सड़कों पर लाठियों से पीटा जाता है इस देश में बेरोजगारी का यह आलम है कि हर घंटे दो युवा अपनी जान ले रहे हैं। और इसलिए जब हमने युवा न्याय की बात करी तो हमने साफ तौर पर कहा सर्वप्रथम 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरे जाएंगे,हर शिक्षित युवा को एक लाख सालाना के हिसाब से अप्रेंटिसशिप मिलेगी, पेपर लीक से युवाओं को मुक्ति दिलाएगी कांग्रेस पेपर लीक होता है और साल 10 साल मेहनत करने वाले बच्चे जिनके मां-बाप एक रोटी कम खाते हैं ताकि उनका बच्चा पर लिख जाए और जो युवा गाजर मूली की तरह बसों और गाड़ियों में भर भर के परीक्षा देने जाते हैं इंटरव्यू देने जाते हैं और उन्हें पता चलता है कि व्हाट्सएप पर पेपर लीक हो गया तो उनकी आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है, उस से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए हम पेपर लीक के खिलाफ सख्त से सख्त कानून लाएंगे हमने यह भी फैसला किया है कि हम एक जॉब कैलेंडर बनाएंगे जिसमें नौकरी की घोषणा से लेकर नियुक्ति पत्र पाने तक की तिथियां अंकित होगी जो की पूरी तरह से एक पारदर्शी सिस्टम होगा।
नारी न्याय : अब बात करते हैं नारी न्याय की कहा जाता है कि यदि एक महिला शिक्षित होती है तो उसका पूरा परिवार पर शिक्षित हो जाता है हमारा मानना है कि यदि एक महिला के हाथ में पैसा आएगा तो उसके परिवार की ही तरक्की होगी इसलिए हम महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार की मुखिया के अकाउंट में ₹100000 सालाना डालेंगे। नई सरकारी नौकरियों में 50ः आरक्षण महिलाओं के नाम होगा, महिलाओं को सुरक्षित और संरक्षित माहौल देने के लिए कामकाजी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा, यह वूमंस हॉस्टल हर जिले में होगा, हनुमान तौर पर यह देखा गया है कि महिला के साथ अपराध तब होता है जब उसे अपने हक के बारे में पता नहीं होता है, हर महिला पंचायत में एक नारी मैत्री कार्यक्रम के अंतर्गत एक महिला की नियुक्ति की जाएगी जो महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देने का काम करेगी और उनके कानूनी विकल्पों के बारे में उन्हें बताएगी।
किसान न्याय : अब बात करते हैं किसान न्याय की उत्तराखंड की उपज आज पूरे देश और विश्व में जानी जाती है पिछले 10 सालों में किसानों ने जब-जब अपने हक की बात की तब तब उनके ऊपर बर्बरता की गई और जब वह दिल्ली आना चाहते थे तो किसी तानाशाह ने दिल्ली को अपनी बपौती समझते हुए उनके लिए कीलें तक बिछा दीं। 700 किसानों ने अपनी शहादत दे दी किसान आंदोलन में पर किसी तानाशाह का दिल नहीं पिघला और एमएसपी पर कानून आज तक नहीं बदला। हमने अपने न्याय पत्र में वादा किया है कि हम किसानों को एमएसपी की पूर्ण कानूनी गारंटी देंगे हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे मौजूदा सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के 16 लाख करोड रुपए माफ करे लेकिन हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे हमने पूर्व में भी किया है 2009 में 72000 करोड़ रुपए मनमोहन सरकार ने माफ किए हैं हम खेती के तमाम उपकरणों को जीएसटी मुक्त करेंगे जिससे किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी।
’श्रमिक न्याय’ः मनरेगा और सभी मजदूरी का न्यूनतम मानदेय बढ़ा कर 400 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा। जोमैटो, स्वीगी जैसी कंपनी में काम करने वालों को कानून से सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। 25 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य योजना-जिसमें इलाज, टेस्ट, दवाई सब मिलेगा। ’हिस्सेदारी न्याय : गिनती करो, देश के लोगों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए आर्थिक और जातिगत जनगणना होगी। जल, जंगल, जमीन का कानूनी हक- वन अधिकार कानून वाले पट्टों का 1 साल में फैसला। वन अधिकार अधिनियम लागू किया जाएगा। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अधिसूचित होंगे। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा नियुक्त मीडिया प्रभारी डॉक्टर चयनिका उनियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) मथुरादत्त जोशी, चीफ कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, राजनीतिक एवं मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, उत्तराखंड सोशल मीडिया अध्यक्ष विकास नेगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, सुनीता प्रकाश प्रदेश संयोजक सोशल मीडिया विशाल मौर्य उपस्थित रहे।