कथा श्रवण से पित्रों को मुक्ति और श्रोताओं को होती है ज्ञान की प्राप्ति : वैष्णवाचार्य नौटियाल

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  1. श्यामपुर,ऋषिकेश।ग्राम सभा ख़दरी खड़क माफ में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकाली गई।कलश यात्रा में सम्मिलित मातृ शक्ति श्री दुर्गा माता मंदिर खदरी से लेकर त्रिवेणी संगम घाट ऋषिकेश तक की यात्रा के बाद घाट से गंगाजल भरकर कथा पंडाल तक लेकर आये जिसे कथा आचार्यों ने विधि विधान के साथ घट स्थापन किया। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख विनोद जुगलान ने कहा कि सनातन संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य से पूर्व कलश पूजा जल संरक्षण का संदेश देती है।हमें अगली पीढ़ी के लिए न केवल जल बचाना है बल्कि शिक्षा के साथ साथ संस्कारों का संरक्षण संवर्धन भी जरूरी है।उन्होंने कहा कि कथा व्यास वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप नौटियाल श्रीमद कथाओं के माध्यम से संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।उनकी अब तक 235 से अधिक कथाएँ हो चुकी हैं।स्थानीयों को चाहिए कि श्रीमद्भागवत कथा का लाभ युवा पीढ़ी को भी मिले इसके लिए अपने बच्चों को कथा के प्रति जागरूक करना चाहिए।व्यास पीठ कथावक्ता वैष्णवाचार्य पण्डित शिव स्वरूप ने कहा कि हरिनाम कथाएं मन की व्यथाओं को हरने का कार्य करती हैं।प्रभु नाम स्मरण से हमारे पित्रों को मुक्ति और युवा पीढ़ी को अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त होता है।इस अवसर पर कथा आयोजक प्रेम लाल रयाल,श्री गुरु राम राय विश्व विद्यालय के सहआचार्य सुरेन्द्र प्रसाद रयाल,मदन लाल, मणि राम,नन्द किशोर,वीरेंद्र रयाल,लक्ष्मी देवी,राम प्यारी देवी,बसन्ती देवी,सरला देवी,कुसुम लता, ममता रयाल,प्रीति देवी,नीता देवी,शिखा देवी,बुद्धि बेलवाल,ज्योति भट्ट,निर्मला नौटियाल,दिव्या रयाल,सुषमा देवी,संगीता देवी,नीमा देवी,दर्शनी कुलियाल, मीना रतूड़ी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित रहे।

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