त्योहारी सीजन में राहत के नाम पर धूल फांक रहे व्यापारी

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व्यापारियो ने कहा सरकार चाहती तो अतिक्रमण अभियान टल सकता था

देहरादून। अभी कोरोना संकट खत्म भी ना हो पाया था कि अचानक सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान ने व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख दी।सरकार का ये फैसला बेहद चोंकाने वाला साबित हुआ। व्यापारियों का कहना है कि सरकार चाहती तो ये अभियान एक माह पीछे खिसक सकता था लेकिन सरकार के कथित जल्बाजी में लिए गए इस निर्णय से आज न सिर्फ व्यापारी वर्ग आहत है बल्कि आम जनमानस पर भी इसका प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है। हालाकि सरकार को ऐसे नाजुक दौर से गुजर रहे व्यापरियो को कुछ दिन का समय जरूर देना चाहिए था जिससे उन्हें राहत मिलती। नवरात्र ,दशहरा व दिवाली जैसे त्योहारी सीजन के जरिये अपने क्षति पूर्ति का बंदोबस्त करने का सुनहरा अवसर भी व्यापारियो के हाथों से जाता रहा।
क्या वास्तव में सरकार का ये फैसला जनविरोधी था।
क्या सरकार को नही चाहिये था कि इतना बड़ा फैसला लेने से पूर्व एक बार व्यापारिक संगठनों से चर्चा की जाए। ये सारे सवाल आज हर एक व्यापारी की जुबान पर है। सभी व्यापारी सँगठनो ने तोड़ फोड़ की इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया ।

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