देश के जवानों के शौर्य का साक्षी है कारगिल
आंदोलनकारी संगठनों ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
देहरादून। देश की आन के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के बलिदान की गाथा है कारगिल। सरहद पे घूसने वालों पर_जो मौत बनकर टूटे उन जवानों के शौर्य का साक्षी है कारगिल।
संयुक्त नागरिक संगठन के आह्वान पर कई संस्था व संगठन के लोग विजय कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गांधीपार्क स्थित कारगिल युद्ध स्मारक में एकत्र होकर देश के जांबाज शहीदो को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
देहरादून के कई सामाजिक संगठनो के प्रतिनिथियो ने अपनी पुष्पांजली अर्पित करते हुए इनकी याद मे दीप जलाये।
शहीदों के प्रति देश प्रेम की भावना से प्रेरित होकर राजकीय आवासीय विद्यालय राजपुर रोड़ के प्रधानाचार्य हुक्म सिंह उनियाल के नेतृत्व में छात्र छात्राओं एंव तिब्बती संगठन की महिलाओ द्बारा ऐ मेरे वतन के लोगो … जरा आंख मै भरलो पानी सभी ने सामूहिक गान किया। संयुक्त नागरिक संगठन द्बारा कारगिल में शहीद हुए प्रेम बहादुर थापा के भाई श्री सुनील थापा को पुष्प गुच्छ देकर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही वीरेन्द्र डंगवाल व जितेन्द्र डण्डोना के साथ ही जसबीर हलधर द्बारा वीर रस की कविता गान कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। वकताओ ने अपने सम्बोधन मे युवा पीढी को देश के लिए जान देने वाले शहीदो के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो में सुशील त्यागी, कर्नल बी एम थापा ,जी एस जस्सल, डाक्टर मुकुल शर्मा, प्रदीप कुकरेती, मुकेश नारायण शर्मा, दिनेश भण्डारी, जितेन्द्र डण्डोना, आरिफ खान, मोहन खत्री, एस एस खेरा, क्लेमन टाऊन तिब्बती महिला संघठन से डी चेन, पासंग, डोलमा तेनजिग, पाल्कीन, कर्नल एस एस थापा, वीरेन्द्र डंगवाल, जसबीर सिंह हलदर , उमा सिसोदिया, डा बी सी कण्डवाल, नवाग शेनबम, कर्नल डी एस बर्त्वाल, व सोमो महिला संस्था नाला पानी आदि उपस्थित रहे।