भागीरथ प्रयास – पहाडो से पलायन रोकने का बनेगा विकल्प

0

गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” के प्रोमो रिलीज

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पहाड़ की पृष्ठ भूमि पर बनने वाली फिल्म हो या धारावाहिक पहाड़ो पर फिल्माए जा रहे दृश्य ना सिर्फ लोगो को आकर्षित कर रहे है बल्कि दुनिया में अपनी संस्कृति व परम्परा की पहचान बनाने का काम कर रही है। श्री महाराज आज राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में जोधा फिल्म्स दिल्ली, के बैनर तले बनाये गये गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” का प्रोमो रिलीज के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धारावाहिक में पहाड़ की प्रमुख समस्या पलायन का जिस खूबसूरती से फिलमांकन किया गया है निश्चित रूप से वह युवाओं को फिर से अपनी जन्मभूमि से जुड़ने को प्रोत्साहित करेगा।

डी.डी. उत्तराखंड, देहरादून से प्रसारण के लिए जोधा फिल्म्स दिल्ली, के बैनर तले बनाये गये गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” के तेरह ऐपीसोड बनाये गये हैं, जिनका प्रसारण डी डी उत्तराखंड, देहरादून से 31 जनवरी 2021 से प्रत्येक रविवार लगातार तेरह सप्ताह तक रात्रि 8.00 बजे दिखाया जायेगा।

गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” के प्रोमो रिलीज के मौके पर राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” के निर्माता-निदेशक और कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि हमारा जो बैकग्राऊंड है जैसे नैन सिंह रावत, रामी-बौराणी, कर्णावती, तीलू-रौतेली ऐसे तमाम विषयों पर फिल्म और सीरियल बनने चाहिए। उत्तराखण्ड में मोबाईल फिल्म सिटी ऑन व्हील्स होनी चाहिए इसके लिए प्रयास होना चाहिए। उन्होने कहा कि स्थानीय विषयों पर बनने वाले धारावाहिकों को भी सबसीडी देने का वह प्रयास करेंगे। धारावाहिक के जरिये जिस तरह से राज्य से होने वाले पलायन के हालातों को दर्शाया गया है वह आज एक बडी समस्या है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इसके लिए निरन्तर प्रयासरत हैं निश्चित रूप से आने वाले समय में इस समस्या का समाधान भी होगा।

गढ़वाली धारावाहिक “भागीरथ प्रयास” मूल रूप से पहाड़ से पलायन रोकने की पटकथा पर आधारित है। जिसकी कहानी दो दोस्त गंगा व भागीरथ के बीच की है। भागीरथ अपने सेवा निवृत अधिकारी दोस्त गंगा से मिलने दिल्ली जाता है, वहां उसकी हालत देखकर गांव चलने के लिए प्रेरित करता है। गंगा दोस्त की बात मान कर अपने गांव वापस आ जाता है। गांव आकर वहां के विकास के बारे में सोचता है, तभी उनकी पोती आराध्या भी गांव आ जाती है और वहां अपने दोस्त सूरज को देखकर चौंक जाती है। दोनों पढ़े लिखे नौजवान अपने गांव व क्षेत्र के विकास करने का बीड़ा उठाते हैं तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लागू करने का प्रयास करते हैं और स्वऱोजगार योजनाओं पर काम करने के लिए नौजवानों को प्रेरित करते हैं।

इस धारावाहिक के निर्माता संजय जोशी व सुधीर धर हैं, निर्देशक सुशीला रावत, कैमरा मैन ध्रुव त्यागी, मेकअप श्वेता शर्मा का है।

इस धारावाहिक की शूटिंग माझली श्रीकोट, भिक्यासैंण के निकटवर्ती क्षेत्र में हुई है। शूटिंग के दौरान कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया गया। शूटिंग के दौरान स्थानीय ग्रामवासियों का सहयोग सराहनीय रहा।

इस धारावाहिक की पटकथा व संवाद सुशीला रावत ने लिखे हैं।वह उत्तराखंड सिनेमा की नामी हस्ती हैं, जिनकी कहानी व निर्देशन में कई सफल व प्रेरणा दायक फिल्में बन चुकी हैं।

इस धारावाहिक में मुख्य कलाकार सुशीला रावत, खुशहाल सिंह बिष्ट, कुसुम बिष्ट, बृजमोहन वेदवाल, राजेश मालगुडी, कुसुम चौहान, गणेश रौतेला, सुमित भट्ट, संयोगिता ध्यानी, सुमन खण्डूरी,गौरी रावत, राजेश नौगांई, जगदीश तिवारी, रमेश परदेसी, पुष्पा जोशी, देव रौतेला, पिंकी व बाल कलाकार पार्थ नेगी आदि हैं। इस मौके पर श्रीमती सुशीला रावत, नरेंद्र लटवाल, संजय जोशी, बसंत सिंह बिष्ट, गणेश सिंह रौतेला, कुशाल सिंह बिष्ट, प्रोफेसर सुरेश चंद जोशी, अभिमन्यू कुमार आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *