सामाजिक न्याय का पुरोधा थे कर्पूरी ठाकुर …

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की गई

 उत्तराखण्ड। हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तित्व का प्रभाव रहता है। जिन लोगों से हम मिलते हैं, हम जिनके संपर्क में रहते हैं, उनकी बातों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिनके बारे में सुनकर ही आप उनसे प्रभावित हो जाते हैं। मेरे लिए ऐसे ही रहे हैं जननायक कर्पूरी ठाकुर।
आज कर्पूरी बाबू की 100वीं जन्म-जयंती है। मुझे कर्पूरी जी से कभी मिलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले कैलाशपति मिश्र जी से मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सुना है। सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी बाबू ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। उनका संबंध नाई समाज, यानि समाज के अति पिछड़े वर्ग से था। अनेक चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने कई उपलब्धियों को हासिल किया और जीवनभर समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें सामाजिक न्याय का पुरोधा बताते हुए कहा कि ये निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।”

पीएम ने एक्स पर लिखा कि पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी ठाकुर की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है।

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