किसान संघर्ष समिति ने मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय से की हस्तक्षेप की मांग….

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देश में अब गांधी, जेपी, विनोबा और लोहिया के विचारों से जुड़ी कोई भी संस्था और परिसर सुरक्षित नहीं
डा. सुनीलम

वाराणसी। सर्व सेवा संघ के वाराणसी स्थित राजघाट परिसर को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज भारी पुलिस बल के साथ पहुंचकर जोर जबरजस्ती से खाली कराकर कब्जे में ले लिया गया, उससे यह साफ हो गया है कि देश में अब गांधी, जेपी, विनोबा और लोहिया के विचारों से जुड़ी कोई भी संस्था और परिसर सुरक्षित नहीं है।

सर्व सेवा संघ की स्थापना गांधीजी के विचार को देश और दुनिया में फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। इसी उद्देश की पूर्ति के लिए तत्कालीन रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निर्देश पर रेलवे की भूमि सर्व सेवा संघ को बाकायदा बेची गई थी ।
सर्व सेवा संघ ने राजघाट से गांधी, जे पी और विनोबा भावे जी के विचारों से जुड़ी 1500 किताबों का प्रकाशन किया है। यह भूमि रेलवे से सर्व सेवा संघ ने खरीदी थी, जिसकी रजिस्ट्री भी मौजूद है।
पहले वाराणसी कमिश्नर ने जेपी द्वारा स्थापित गांधी विद्या संस्थान पर पुलिस के माध्यम से अवैध कब्जा किया गया। जिसके खिलाफ गांधीवादियों, सर्वोदयियों और समाजवादियों द्वारा 62 दिन से लगातार सत्याग्रह चलाकर विरोध किया जा रहा था। केंद्र सरकार की कार्यवाही के विरोध में वाराणसी, दिल्ली और आज लखनऊ में लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन किए गए। लेकिन सर्व सेवा संघ के परिसर पर आज जोर-जबरजस्ती से कब्जा कर लिया गया है।
सर्व सेवा संघ द्वारा प्रकाशित हजारों किताबों को गांधी जी की मूर्ति के पास खुले आसमान के नीचे फेंक दिया गया है ।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने मोदी -योगी सरकार की कायराना गैर कानूनी कार्यवाही पर आक्रोश व्यक्त करते हुए परिसर से गिरफ्तार किए गए सभी आंदोलनकारी साथियों को तत्काल रिहा करने, परिसर को सर्व सेवा संघ को वापस सौंपने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार की तानाशाहीपूर्ण एवं लोकतंत्र विरोधी कार्यवाही के खिलाफ प्रतिरोध जारी रहेगा।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों के द्वारा ‘INDIA’ के नाम से बनाए गए गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों से अपील की है कि वे गांधी और जे पी की विरासत और सर्व सेवा संघ परिसर को बचाने के लिए आगे आएं।

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