शिक्षा का बिगड़ता माहौल ….अपराध के बढ़ते कदम
महंगे स्कूलों में पढ़ाना फर्ज नही : संस्कारो का एहसास कराना जरूरी
देहरादून । कालेज में पढ़ने वाले छात्रों के कदम धीरे -धीरे अपराध की और जा रहे है। शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र अगर हाथों में कलम की जगह हथियार उठा रहे है तो ये बड़े दुर्भाग्य की बात है। बच्चों का भविष्य साकार हो इस उम्मीद से माता-पिता उन्हें महंगे कॉलेजों में पढ़ाते है पर क्या मालूम कालेजो की आबोहवा इस कदर बुरी हो जाएगी कि अपने जिगर के टुकड़े के उज्ज्वल भविष्य की जगह उसकी दर्दनाक मौत का मंजर उन्हें देखने को मिलेगा। कल देहरादून में गोली कांड की इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। इस तरह की घटनाओं में केवल स्कूल प्रशासन ही जिम्मेदार नही होता है बल्कि माता-पिता भी दोषी होते है। बच्चों की कार्यशौली व उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज कर सिर्फ पैसा कमाने की होड़ में माता-पिता ये भूल जाते है कि उनके बच्चे गलत दिशा में जा रहे है। एक बार भी वे नही देखते कि जिन बच्चों की हर एक ख्वाईश को वे पूरा कर रहे है उसके बदले में क्या वे बच्चे उनकी अपेक्षाओं को पूरा कर सकेंगे।