तुम मुझे यू भुला ना पाओगे ….  सुरों की मल्लिका को दी अंतिम विदाई 

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देहरादून। तुम मुझे यू भुला ना पाओगे… जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे … दिल की गहराइयों से गाया ये गीत इस बात का प्रमाण है कि वास्तव में इस महान भारतीय कोकिला के अमर गीत हमेशा उनके होने का एहसास दिलाते रहेंगे।

92 वर्षीय लता जी का रविवार सुबह मुंबई के ब्रीचकैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। मुंबई के शिवाजी पार्क में लता जी को उनके भाई ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। इस दौरान राजनीति, खेल, मनोरंजन जगत सहित कई क्षेत्र के लोग लता जी की इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
भारत रत्न लता मंगेश्कर को राजकीय सम्मान के साथ आज अंतिम विदाई दी गयी। उनके अंतिम दर्शन के लिए देश की हर प्रतिभा उनकी एक झलक पाने को तरस रही थी। उनकी मौत की खबर सुनते ही बॉलीवुड के हर व्यक्ति के चेहरे पर उदासी छा गयी । पूरा बॉलीवुड शोक की लहर में डूब गया । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भरतीय कोकिला को अंतिम विदाई देने मुंम्बई पहुंचे जहां उन्होंने शिवाजी पार्क पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने एक महान प्रतिभा को खोया है। जिसकी भरपाई कभी नही की जा सकती है।
लता मंगेशकर ने साल 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी
लता मंगेशकर को ‘भारत की नाइटिंगेल’ और ‘सुर साम्राज्ञी’ जैसे कई नामों से पुकारा जाता था. भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में से एक लता मंगेशकर ने साल 1942 में अपने करियर की शुरुआत की थी. तब उनकी उम्र महज 13 साल थी. उन्होंने अब तक 30 हजार से भी अधिक गाने गाए थे और दुनियाभर में अपनी एक अलग छाप छोड़ी थी.

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