जी. आर. डी. के 26 छात्र-छात्राओं के सपनों को लगे पंख…..

जी. आर. डी. के 26 छात्र-छात्राओं की लगी सरकारी नौकरी ! अभिभावक होंगे सम्मानित

देहरादून।  किसी ने सही कहा है की मंजिले उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है।

  सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता,हौसलों में उड़ान होती है।

 इस कहावत को जीआरडी के छात्रों ने चरित्रार्थ करके आखिर दिखा दिया।

राजधानी के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट एवं इंजीनियरिंग कॉलेज गुरु राम दास इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून के छात्र-छात्राएं एक तरफ जहां विश्विद्यालय की मेरिट लिस्ट में प्रति वर्ष सबसे अधिक मैडल लाते है वही देश विदेश की नामी गिरामी सैकड़ो बहु राष्ट्रीय कम्पनीज की भी पहली पसंद बन गए है। निजी क्षेत्र में बंपर सफलता के साथ साथ जी. आर. डी. के छात्र-छात्राएं अब सरकारियो नौकरियों में भी झंडे गाड़ रहे है।

संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग के 26 छात्र -छात्राओं ने उत्तराखंड सरकार के सिचांई विभाग, लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम, ग्रामीण निर्माण निगम, पचायती राज, आवास विकास, वन विभाग आदि में बतौर सरकारी अभियंता की नियुक्ति पाकर जी. आर. डी. का परचम लहरा दिया है।

सरकारी नौकरी पाने वाले अंकित चद, मयंक नैथानी, हिमांशु सेमवाल, उमग नौटियाल, आशीष रावत, नितीश राणा, वैभव साह,अभिलाष सिंह, सलोनी पंवार, साधना धनई, प्रवेश नौटियाल,अमित पुरोहित, सुमित पुरोहित, तानिया डोभाल, अमित पंवार, संगीता किरोला, राजा कुमाई, ज्योति नेगी, रक्षित गोदियाल, आदेश मटुरा, गोविन्द रावत, अजय डोभाल, आशीष कैंथुरा, अतुल तिवारी रहे।

संस्थान के वाईस चेयरमैन सरदार इंदरजीत सिंह ने सिविल विभाग के 26 छात्र-छात्राओं की सरकारी क्षेत्र में सफलता को अभूतपूर्व बताया एवं सिविल विभाग के सभी शिक्षकों को बधाई दी।

संस्थान के महा निदेशक डॉ. पंकज चौधरी ने चयनित छात्रों को बधाई दी तथा उनकी कड़ी मेहनत एवं लगन की तारीफ की। उन्होंने छात्रों से बतौर सरकारी अभियंता देश निर्माण में सहयोग करने का आह्वान किया एवं उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों के आम जन मानस को भी आधुनिक भारत में हो रही इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति में सम्मलित करने हेतु दिन रात मेहनत करने की शपथ दिलवाई ! उन्होने कहा की उपरोक्त सरकारी नौकरी पाने वाले छात्र-छात्राओं को आगामी वार्षिक उत्सव में सम्मानित भी किया जायेगा।

इस अवसर पर संसथान के वाईस चेयरमैन सरदार इंदरजीत सिंह ओबेराय, सरदार प्रबजी ओबेराय, महा निदेशक डॉ. पंकज चौधरी, सिविल विभाग अध्यक्ष आशुतोष शर्मा आदि उपस्थित रहे।