केवल चालान शुल्क वसूलने तक सिमित रह गया है संभागीय परिवहन विभाग

मात्र एकल खिड़की के जरिये बुजुर्ग विकलांग व महिलाओं को नहीं मिल पा रही है राहत….

देहरादून ।  देहरादून का संभागीय परिवहन निगम अवस्थाओं के चलते आम जनमानस के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि गाडी की आर.सी, लाइसेंस व चालान शुल्क जमा करने व पैनल्टी जैसे कई तरह के कार्य करने को एकल खिड़की बनाई गयी है। इस काउंटर पर कोई कैटगरी अभी तक तय नहीं हो पाई जिसके लिए महिला, पुरुष बुजुर्ग और विकलांग सभी को लम्बी कतारों में खड़े होकर अपने काम के लिए एकल खिड़की पर भीड़ से जुझना पड़ रहा है। जबकि इस काम के लिए दो -दो काउंटर बने है जिसमे महिला पुरुष दोनों तैनात किय गये है लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि इस काउंटर पर केवल एक महिला से काम लिया जा रहा है दूसरे काउंटर पर पुरुष बैठता है जिसे चाये बिस्कुट खते-पीते देखा जा सकता है, थोड़ी देर बाद उस सीट पर बैठा वो शख्स गायब हो जाता है।

इतना ही काफी नहीं है परेशान होने के लिए दूर-दराज से आने वालों के लिए इस विभाग में और अन्य मुश्किले स्वागत के लिए तैयार है। प्रिंट मशीन में यदि खराबी हो जाये तो कोई देखने वाला नहीं है। आज चालान वसूली के जरिये केवल चालान ,शुल्क  वसूलने तक् ही  सिमित रह गया है संभागीय परिवहन विभाग।
ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर चलान बनाये जाने के लिए अनगिनत काउंटर बने है।
भले ही काउंटरो पर नंबर अंकित किये हो पर इन नंबरो का क्या फायदा जो एक नंबर दूसरी दिशा में तो दूसरा नंबर भिन्न -भिन्न दिशाओं में अंकित किये गये है। जिन्हे खोजने के लिए अच्छी खासी मशक्कत करनी पडती है सम्भागीय परिवहन निगम की सेवाओं का लाभ लेने के लिए लोगो को इधर उधर भटकना पड़ता है। बताना वाले कर्मचारी या चौकीदार का कोई अता पता नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ पर एक भी विभागीय अधिकारी द्वारा किसी भी तरह की मॉनिटरिंग नहीं की जाती है।

अभी हाल ही मैं देहरादून के डीएम सविन बंसल ने निरक्षण के दौरान सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी थीं लेकिन उसके बावजूद संभागीय परिवहन विभाग की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला।