अबकी बार मनोज तिवारी के लिए दिल्ली डगर है बड़ी कठिन ?
बी आर चौहान
दिल्ली। लोक सभा चुनाव को लेकर आज देश का मतदाता सही नेतृत्व का चयन तय नहीं कर पा रहा है। किसे वोट दे या ना दे इस प्रकार के सवालों से उनके भीतर विचारों की जंग चल रही है। सरकार की नीतियाँ नित रोज आम जनता के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है। इन्ही वजह को लेकर विपक्ष अब आम जनता के नजदीक आता प्रतीत हो रहा है।
दिल्ली में लोक सभा चुनाव इस सप्ताह होने वाले है। कन्हैया और वर्तमान सांसद मनोज तिवारी मे कांटे की टक्कर दिख रही हैं। दोनो प्रत्याशियों में जीत की होड़ लगी है।
मतदाताओं को रिझाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है लोग कन्हैया का भाषण बड़े ध्यान से सुन रहे है। उनकी वाकचाटुता लोगो को अपनी ओर खींच रही हैं। हालांकि शुरू मे राजनैतिक विश्लेषक उन्हे हल्के में ले रहे थे लेकिन धीरे धीरे इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी है।
इधर मनोज तिवारी का कहना है कि उन्होंने उतरी- पूर्वी दिल्ली के विकास के लिए 1400 करोड़ खर्च किये है।इसीलिए उन्हे इस बार बीजेपी का टिकट दिया गया है लेकिन इलाके के लोग उनकी इस दलील से सहमत नही है.
बीजेपी का कहना है कि कन्हैया का संबंध टुकड़े टुकड़े गेंग से है इसलिए उनकी हार पक्की है।
कुछ ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इलाके मे मुस्लिम और दलित काफी संख्या में है और वह एकजुट हो गये है। उतराखंड के वोटर और राजपूत समाज भी बीजेपी से नाराज चल रहे है। ऐसी हालत में तिवारी जी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं. मनोज तिवारी के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है लेकिन कन्हैया की पकड़ और उनकी भाषण शैली भी आम लोगों को प्रभावित कर रही है।
तिवारी जी के लिए पी एम मोदी भी रैली कर चुके है और इधर राहुल गाँधी और अरविंद केजरीवाल भी कन्हैया कुमार के लिए रैली व खूब प्रचार कर रहे है। अब ये देखना बाकि है कि किसी राजनैतिक दल के प्रत्याशी को कितने मत प्राप्त होंगे, कोंन मरेगा बाजी।
फिर भी मतदाता को देश हित में सोच -विचार कर सही निर्णय लेना होगा ।