मानवीय दृष्टिकोण सर्वोपरि ! पीड़ितों की सुनवाई में ना हो कोताही

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मादक पदार्थों की तस्करी व आर्थिक अपराधों में लिप्त अपराधी रहेंगे रडार पर

देहरादून । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, अजय सिंह द्वारा जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों तथा शाखा प्रभारियों के साथ गोष्टी की गई। गोष्ठी के दौरान एसएसपी द्वारा अपराधों के अनावरण तथा कानून व्यवस्था की स्थिति के दौरान दून पुलिस द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की तथा भविष्य में इस दिशा में और अधिक बेहतर प्रयास करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। इस दौरान गोष्ठी में उपस्थित समस्त अधिकारियों को अपनी प्राथमिकताओं से अवगत कराते हुए बताया कि सभी थाना प्रभारी पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग पर फोकस करें तथा इस दौरान अपने मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोपरिमानवीय दृष्टिकोण को सर्वोपरि रखें। थाने, चैकी पर नियुक्त प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी अपने सम्मुख आने वाले प्रत्येक पीड़ित की बातों समस्याओं को संयमित होकर ठीक ढंग से सुने तथा उसमें शीघ्र से शीघ्र यथोचित वैधानिक कार्रवाई करने का प्रयास करें। प्रत्येक पीड़ित को इस बात का एहसास दिलाया जाए की पुलिस द्वारा उसकी समस्या का संज्ञान लेकर उसके समाधान हेतु अपना श्रेष्ठ प्रयास किया जा रहा है।
जनपद देहरादून के शिक्षा का केंद्र होने के कारण यहां बाहरी जनपदों तथा राज्यों से आने वाले युवाओं की संख्या काफी अधिक है, जिस कारण देहरादून हमेशा से ही नशा तस्करों के लिए एक सॉफ्ट टारगेट रहा है। इस संबंध में सभी थाना प्रभारी आम जनमानस के बीच नशे के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने तथा नशे के विरुद्ध अभियान में जन सहभागिता को बढ़ाने के लिए पूर्व में दिए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक शनिवार को पुलिस की चैपाल आयोजित करेंगे, साथ ही सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थानों में एक रजिस्टर तैयार करेंगे, जिसमें नशा तस्करों की फोटो के साथ उनका पूर्ण विवरण अंकित किया जाएगा, इसके अतिरिक्त पूर्व में मादक पदार्थों की तस्करी में जेल गए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोले जाने के कार्रवाई प्रत्येक थाना प्रभारी द्वारा की जाएगी। ऐसे मामलों में, जिसमे किसी अभियुक्त से भारी मात्रा में मादक पदार्थो की बरामदगी की गई हो, उनमे विवेचना के दौरान संबंधित अभियुक्त के आर्थिक पहलुओं को भी शामिल किया जाए तथा ऐसे अभियुक्त द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति को एनडीपीएस एक्ट में निहित प्रावधानों के तहत अटैच करते हुए उसे आर्थिक रूप से भी हानि पहुंचाई जाये। सभी थाना प्रभारी चैन, पर्स स्नैचिंग, मार-पीट आदि पर विशेष फोकस करेंगे। इस तरह की आपराधिक घटनाओं से लोगों के मध्य एक भय का माहौल बनता है तथा समाज मे इसका एक दमहंजपअम पउचंबज (नकारात्मक असर) पड़ता है। जनपद देहरादून में भूमि संबंधी धोखाधड़ी के मामले सर्वाधिक है, इस तरह की आर्थिक अपराधो में प्रभावी रूप से लगाम लगाने के लिए ठोस रणनीति के तहत कार्यवाही की जाये, संगठित गैंग बनाकर लोगों से धोखाधड़ी कर उन्हें आर्थिक हानि पहुंचने वाले अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाये तथा ऐसे अपराधियों की संपत्तियां को गैंगस्टर एक्ट के तहत अटैच कर करते हुए उनकी कुर्कीध् जब्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाए, जिससे आर्थिक रूप से भी उनके सिंडिकेट को तोड़ा जा सके। वर्तमान में जनपद देहरादून में कई स्थानों पर स्मार्ट सिटी का कार्य प्रचलित है, इस कारण मुख्य मार्गों व चैराहों पर यातायात का दबाव अधिक रहता है, जिससे जन सामान्य को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यातायात के सुचारू संचालन हेतु सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ थाना पुलिस की विजिबिलिटी को भी बढ़ाया जायेगा। जघन्य अपराधों का त्वरित अनावरण तथा विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, महिला संबंधी अपराधों का प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध विधिक निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, विवेचनाओं के निस्तारण में अनावश्यक विलंब पर संबंधित विवेचनाधिकारी के साथ-साथ संबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी, सभी क्षेत्राधिकारी नियमित रूप से अपने-अपने सर्किल में ओ0आर0 लेकर विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।

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