आंदोलंकारियों की आस व उम्मीदों को अब लगे पंख ….

0
कैबिनेट बैठक में राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण बिल को मिली मंजूरी
देहरादून्। लंबे संघर्षों के बाद आख़िरकार आंदोलंकारियों की आस व उम्मीदों को अब पंख लग गये है। जिस मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलंकारियों व राज्य सरकार के मध्य वैचारिक शीत युद्ध चल रहा था अब लगता है उसे विराम लग गया है।
राज्य कैबिनेट बैठक में कई अहं निर्णय लिए गए हैं। बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी। राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण बिल को भी मंजूरी मिल गई है। विधानसभा सत्र में विधेयक आएगा, जोकि 2004 से लागू होगा। वहीं अप्रचलित विधेयकों को निरस्त करने के लिए विस में निरसन विधेयक लाया जाएगा। इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 20 प्रस्ताव पास हुए। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के बिल को मंजूरी मिल गई है। विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश होगा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, प्रेमचंद अग्रवाल और सतपाल महाराज शामिल हुए । इसी बीच तमाम विभागों की संशोधित नियमावलियों पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इसके अलावा संविदा या आउटसोर्स महिला कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारियों की तरह अब 6 महीने का मातृत्व अवकाश भी मिलेगा। जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जताई है। बैठक में निर्णय लिया गया है। मानसून सत्र में करीब 11,100 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट होगा पेश। राजकीय कर्मचारियों की तरह दैनिक वेतन कर्मी महिलाओं को भी मातृत्व अवकाश मिलेगा। जिसकी मंजूरी पर कैबिनेट से मोहर लगा दी है। संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल दत्तक ग्रहण अवकाश देने की मंजूरी मिली है। साथ ही संविदा या आउटसोर्स से भर्ती हुए पुरुष और महिला कर्मचारियों को बाल देखरेख अवकाश देने की मिली मंजूरी पर भी अपनी मोहर लगा दी है। तकनीकी विश्वविद्यालय से होगी लॉ कोर्स का एफिलेशन हो सकेगा इसके लिए सदन में रखा जाएगा प्रस्ताव लाया जाएगा। जिसकों मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है। जल विद्युत नीति में संशोधन किया जाएगा जिसकी मंजूरी पर कैबिनेट ने मोहर लगा दी है। नगर पालिका परिषद मुनि की रेती के उच्चीकरण कर ग्रेड 2 से ग्रेड 1 में शामिल किए जाने पआखिर्रकार् भी सहमति जताई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *