जिस जगह को कभी कहते थे जन्नत हम ! आज उन रास्तों पर मौत के सौदागर घूमा करते है…..

खूबसूरत वादियों में हमसफर के साथ गुजर जाएंगे कुछ हसीन पल !
पर क्या मालूम था कि यू इस तरह तमाम हो जाएगी जिंदगी और रह जाएंगे अकेले सिर्फ हम….
देहरादून। कश्मीर कें पहलगाम मेँ हुई आतंकवादी घटना की कड़ी आलोचना करते हुए उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा दोपहर एक बजे शहीद स्मारक मेँ मृत आत्माओं की आत्मशांति हेतु प्रार्थना की एवं दों मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाणा एवं जगमोहन सिंह नेगी कें साथ सुरेश नेगी ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा हैं अभी पिछले महीनों मेँ भी वंहा से घुसपैंठ हुई थी लेकिन उन घटनाओं कों ध्यान मेँ रखकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की सख्त आवश्यकता हैं।
प्रदीप कुकरेती एवं सुलोचना भट्ट कें साथ पूरण सिंह लिंगवाल ने केन्द्र सरकार से अपील की हैं कि वह पाकिस्तान कों अब मुह तोड़ जवाब दें साथ ही मुख्य पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा घेरा बढ़ाएं यदि वंहा एक दों पुलिसकर्मी या आर्मी जवान तैनात होते तो कुछ आतंकवादी अवश्य मारे जाते साथ ही पर्यटकों मेँ मरने वालों की संख्या भी कम होती।
उत्तराखण्ड सरकार से मांग की गई कि प्रदेश मेँ रोह्नगियाओं ने उत्तराखण्ड मेँ भी अपना ज़ाल बिछाया हुआ हैं अतः गहराई से घनी आबादी व नदी किनारों मेँ छानबीन की जाय।
सभा कें अन्त मेँ दों मिनट का मौन रखा गया।
शोक व्यक्त करने वालों मेँ मुख्यतः सुरेश विरमानी , जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , चन्द्रकिरण राणा , पूरण सिंह लिंगवाल , सुरेश नेगी , मोहन खत्री , सुशील चमोली , बुद्धिराम रतूड़ी , हरी सिंह मेहर , अनुराग भट्ट , पुष्पलता सिलमाणा , राधा तिवारी , सुलोचना भट्ट , तारा पाण्डे , संगीता रावत , अरुणा थपलियाल , सुभागा फर्स्वाण , प्रभात डण्डरियाल , शान्ति शर्मा , आशा नौटियाल , रोशनी देवी , सरोजनी नौटियाल , देवेस्वरी रावत , पुष्पा रावत , विरेन्द्र सिंह , सुशीला चमोली , राजेश्वरी रावत , मीरा गुसांई , यशोदा रावत , सुनीता बहुगुणा , कल्पेस्वरी राणा , सुरेन्द्र नेगी , शिला जखमोला , राजेश्वरी देवी आदि।