साहित्य एवं कला जगत में डा. सुरेश पंत ने लिखी नई इबारत ! मिला सर्वोच्च सम्मान
वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य एवं कला महोत्सव की गंगा में साहित्यकारों ने लगाई डुबकी
डा.बी.आर. चौहान
देहरादून। जिंदगी के रंगो को साहित्य रूपी केनवस पर उतारकर किसी भी स्थान या व्यक्ति विशेष को साहित्यिक लेखन के माध्यम खूबसूरत रूप देना और शब्दों के साथ उन्हे लोकप्रियता के सर्वोच्च शिखर पर बैठाने का महत्वपूर्ण कार्य केवल लेखक व साहित्यकार की रचना होती है।
हमारे देश में लेखकों साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं से ना सिर्फ देश में नाम कमाया बल्कि पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा के जरिये नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये।
ऐसी ही प्रतिभाओं में साहित्य लेखन के पुरोधा माने जाने वाले डा.सुरेश पंत अपने आप में ऐसा व्यक्तित्व है जिनके साहित्य रूपी प्रकाश ने ना सिर्फ खुद को उजाला किया बल्कि उनके साथ साहित्य लेखन में जुड़े कई लोग आज बेहतर मुकाम पर पहुँचे है।
देहरादून में आयोजित हुए वैली ऑफ वर्ड्स साहित्य कला महोत्सव में डा.सुरेश पंत को उत्कृष्ट सम्मान के साथ मिले एक लाख की सम्मान राशि पाने की खुशी उनसे अधिक शिष्यों व उनसे जुड़े साहित्यकारो को है जो उनके करीबी
बीना बेंजवाल ( हिंदी और गढ़वाली की कवियत्री) प्रकाश थप्लियाल (लेखक और साहित्यकार, देहरादूंन निवासी ,श्री पंत के शिष्य ) और डॉ सुरेश पंत
रहे है जिन्होंने उनके साथ अपने अनुभव साँझा किये है। वैली ऑफ वर्ड्स लिटरेरी फेस्टिवल 2024 का समापन साहित्य, कला और संस्कृति के एक भव्य समारोह के साथ हुआ, जिसने भारत के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक उत्सवों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को फिर से पुष्ट किया। यह कार्यक्रम पैनल चर्चा, पुस्तक विमोचन, स्पष्ट बातचीत, सांस्कृतिक प्रदर्शन और प्रदर्शनियों के साथ एक मनोरंजक अनुभव था, जिसने साहित्य के प्रति उत्साही, छात्रों और विद्वानों के विविध दर्शकों को आकर्षित किया।