सरहदो की रक्षा के खातिर जो मौत को गले लगा गये….
सीएम धामी ने की कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित ….
मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित
सरहदो की रक्षा के खातिर जो मौत को गले लगा गये।
दुश्मनो के नापाक इरादे को अपने होसलों से बेकार कर गये ।
धन्य हो वो माता जिनके लाल थे तुम , आज फक्र से उनकी ममता का कर्ज चुका गये।
कारगिल के अमर शहीदों को 24 साल गुजर गए बल उनकी यादे सुनी आँखे को नम कर गए।
देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि देहरादून एवं पिथौरागढ़ में एक-एक अतिरिक्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय खोला जायेगा। प्रदेश में सैनिक द्वार एवं स्मारकों की देखरेख सैनिक कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन के द्वारा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लड़ाई में हमारे जवानों ने अदम्य साहस, वीरता एवं पराक्रम का परिचय देते हुए माँ भारती की रक्षा की। कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। कारगिल युुद्ध में उत्तराखण्ड से 75 वीर सपूत शहीद हुए। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के साथ उनका रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और उनके अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सुदृढ़ करने का कार्य का रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के गुनियालगाँव में शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं विभिन्न सुविधाओं से युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा । उत्तराखण्ड सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख रुपये की आवासीय सहायता प्रदान की जा रही है। उत्तराखण्ड में सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य की सम्पत्ति के खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है ।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय सेना ने सदैव राष्ट्र की अखंडता एवं सम्प्रभुता बनाए रखने के लिये अनुकरणीय साहस और देशभक्ति का प्रदर्शन किया है। हमारा प्रथम कर्तव्य है कि देश की सीमाओं की रक्षा तथा देश की संप्रभुता एवं अखंडता बनाये रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिक सपूतों, पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों के मान-सम्मान एवं कल्याणार्थ सदैव तत्पर रहें। भारतीय सैनिक हमारे देश के सच्चे नायक हैं। वे दिन-रात हमारी राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करते हैं। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान उत्तराखण्ड के वीर योद्धाओं ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी और हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए। इस कारगिल युद्ध में देवभूमि उत्तराखण्ड के 75 जांबाज सैनिक शहीद हुए थे। मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा के लिए बसी रहेंगी। प्रदेश में सैनिकों के सम्मान और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 36 सैनिक विश्राम गृह संचालित हैं तथा सैनिक विश्राम गृह टनकपुर को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है।
सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार ने वीरता पदक से अलंकृत पदकधारकों को देय अनुदान राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है तथा उन्हें निःशुल्क बस यात्रा अनुमन्य की गयी है। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा सैनिक विधवाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए 01 लाख का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में सैनिकों के सम्मान में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। कार्यक्रम में विधायक खजानदास, सविता कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, अनिल गोयल, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एस.एस.पी दलीप सिंह कुंवर, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल शम्मी सभरवाल, मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, ब्रिगेडियर दिनेश बडोला पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे।