केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन मंत्रियों ने तमिलनाडू में मनाया राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस….
तमिलनाडु/ देहरादून। हर साल 10 जुलाई को “राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस” मनाया जाता है । इस वर्ष “राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस” 10-11 जुलाई को तमिलनाडु के शहर महाबलिपुरम में ‘समर मीट 2023’ और ‘स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव’के आयोजन के साथ मनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री , मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी, पुरषोत्तम रुपाला, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव वालियांन, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन मंत्रियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर देश भर से लगभग 10500 मत्स्य किसानों, एकूआप्रिनियोर्स, मछुआरों, पेशेवरों, अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के पशुपालन, मत्स्य, गन्ना एवं चीनी विकास, डेयरी, प्रोटोकॉल सेवायोजन एवं कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा प्रतिभाग कर रहे हैं।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उत्तराखंड मत्स्य विभाग की उपलब्धियों का हवाला देते हुए कहा कि, उत्तराखंड के मत्स्य पालको के समाजिक हितो की सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार द्वारा मत्स्य पालको को कृषि दरो पर विद्युत आपूर्ति की सुविधा अनुमन्य करा दी गयी है जिससे लगभग 4000 मत्स्य पालको को लाभ प्राप्त होगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य एवं केन्द्र सेक्टर में संचालित योजनाओ से कुल 612 व्यक्तियो हेतु प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किये गये जबकि इन कार्यक्रमो से वार्षिक मत्स्य उत्पादन में लगभग 1160 मेट्रिक टन की वृद्धि लक्षित है।
श्री बहुगुणा ने जानकारी दी कि, राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किये जाने हेतु एकीकृत राज्य स्तरीय एक्चापार्क की स्थापना की जायेगी जिसके लिए भारत सरकार से रू0 44.50 करोड़ के प्रोजेक्ट की स्वीकृति प्राप्त कर ली गयी है। इस हेतु जनपद उधमसिंहनगर में 16.598 हैक्टेयर भूमि मत्स्य विभाग हेतु हस्तांतरित करायी गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी “मत्स्य सम्पदा योजना” के अन्तर्गत कुल 17 प्रोजेक्ट कुल लागत रू० 48.79 करोड़ की स्वीकृति भारत का से करायी गयी है। पर्वतीय क्षेत्र में ट्राउट फार्मिंग के 40 से अधिक कलस्टर तैयार किये गये जिनकी सफलता को दृष्टिगत रखते हुए अब मछलियो की अन्य प्रजातियों के पालन हेतु भी कलस्टर आधार पर पॉलीलाईनर तालाब निर्माण की व्यवस्था की गयी है जिससे अब छोटे से छोटे क्षेत्रफल की भूमि उपलब्धता पर भी तालाब निर्माण कराया जा सकेगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 689 किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्य पालको को अनुमन्य किये गये। इस प्रकार वर्तमान तक कुल 1503 मत्स्य पालको को किसान क्रेडिट कार्ड अनुमन्य किये जा चुके है। राज्य में ट्राउट मत्स्य बीज की सुगम उपलब्धता हेतु नाबार्ड के माध्यम से जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम बूंग लूंग में 01 ट्राउट हैचरी के स्थापना के कार्य प्रारम्भ कराये गये है।
उत्तराखंड के मत्स्य किसानों को किसी भी प्रकार के जोखिम से सुरक्षा देने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम बार राज्य अन्तर्गत कार्यरत ट्राउट समितियो के ट्राउट रेसवेज एवं उनमें पोषित हो रही मत्स्य सम्पदा को बीमा की परिधि में लाकर लाभान्वित किया गया। जनपद स्तर पर मात्स्यिकी विकास कार्यों में गति लाये जाने हेतु विभाग में आयोग के माध्यम से कुल 25 मत्स्य निरीक्षको की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करा ली गयी है जिनकी नियुक्ति शीघ्र कर ली जायेगी।
अंत में श्री बहुगुणा ने “प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना”का जिक्र करते हुए बताया कि, वर्ष 2020 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का अनावरण किया, जो भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की एक योजना है। जिसमें पाँच वर्षों की अवधि में कुल 20,050 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है।