सरकार की उपेक्षा के चलते विकास से कोसो दूर है ग्रामसभा डोटल गांव…

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अल्मोड़ा/द्वाराहाट। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार का स्लोगन सबका विकास सबका साथ आज भी पूर्ण रूप से धरातल पर नहीं उतर सका है। जिसका उदाहरण है अल्मोड़ा जिले के ब्लॉक द्वाराहाट के ग्रामसभा डोटल गांव के आधे अधूरे सड़क निर्माण का कार्य। ग्रामवासी आज भी सड़क निर्माण कार्यों को लेकर विभागीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं ताकि उनके क्षेत्र में सड़क, पुलों व कल्मठों के आधे अधूरे निर्माण कार्य पूरे हो सकें।

रविवार को सभी ग्रामवासियों ने निर्माणाधीन बदहाल सड़क के लिए लोक निर्माण विभाग, प्रशासन व पुल के ठेकेदारों के खिलाफ एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। ग्रामसभा डोटलगांव की आठ साल से बन रही आधी अधूरी बदहाल सड़क, टूटे कलमठ, आधे-अधूरे निर्माण व ठेकेदार द्वारा चार साल से बन रही पुलिया का आधा अधूरा कार्य छोड़ कर जाना आदि कार्यों से निराश व नाराज हैं ग्रामीणवासी।

धरना प्रदर्शन के दौरान लोक निर्माण विभाग की ओर से असिस्टेंट इंजीनियर जगदीश चन्द्र पाण्डे ने ग्रामवासियों को आश्वासन दिया कि वे जल्द ही सड़क निर्माण कार्य को शुरू करवायेंगे। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के दौरान फिर समाचार पत्रों के माध्यम से टेण्डर प्रक्रिया की जायेगी तत्पश्चात् सडक निर्माण कार्य किये जायेगें। यह सिलसिला पिछले चार साल से चल रहा है विभाग टेण्डर खोलते हैं ठेकेदार आते हैं और आधा अधूरा कार्य कर चले जाते हैं।

द्वाराहाट ब्लॉक क्षेत्र के तहसील मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित डोटलगांव जहां बासुलीसेरा से गांव के लिए लगभग 7.5 किलोमीटर की सड़क वर्ष 2015-16 में स्वीकृत की गयी थी। सड़क के निर्माण के लिए 4.55 करोड़ पास भी हुए, और कार्य प्रारंभ भी किया गया। लोक निर्माण विभाग की लेटलतीफी से 7.5 किलोमीटर लंबी रोड़ आज आठ वर्ष पूर्ण होने के बाद भी पूरी नहीं हो पायी है। जिसके कारण आज भी डोटल गांव के निवासी इस परेशानी को झेल रहे हैं। आज भी लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग में बनाये जा रहे पुलों व कल्मठों का कार्य अधर में लटका है।

डोटल गांव के पूर्व प्रधान मदनमोहन सिंह कुमइयां ने कहा कि रविवार को सांकेतिक धरना प्रर्दशन किया गया। सड़क मार्ग पर बनने वाले पुल का कार्य आधे में छोड़कर मजदूर व ठेकेदार चले गये हैं। इसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने सांकेतिक धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि यदि अभी भी समस्या का हल ना हुआ तो जल्द बड़ा आंदोलन करेंगे। हालाकि उन्होंने कहा कि धरना के दौरान विभाग के प्रतिनिधि के रूप में असिस्टेंट इंजीनियर जगदीश चन्द्र पाण्डे आये और आश्वासन दिया है कि वे जल्द की निर्माण कार्य शुरू करवायेंगे।
सांकेतिक धरना प्रदर्शन के दौरान गांव की प्रधान नीमा देवी ने बताया कि डोटल गांव के मोटर मार्ग को बने हुए आठ साल बीत चुके हैं हमारे आस-पास के गांवों के सड़कों का डामरी करण भी हो चुका है किन्तु हमारे गांव की कच्ची सड़क भी आज तक ठीक नहीं हो पायी है। बरसात के मौसम में सड़क पर बने कलमठ टूटने लगते हैं। पिछले चार साल से बन रहे पुल का निर्माण एक बार फिर बंद हो गया है। ठेकेदार आते हैं और चल जाते हैं किन्तु निमार्ण कार्य आधा अधूरा ही रहता है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है।

ग्रामवासी प्रेम राम ने बताया कि यह समस्या लगातार जब से सड़क मार्ग का निमार्ण हुआ है तब से चलती आ रही है। आज भी ग्रामवासी अपने निजी कार्यों के लिए पैदल ही बग्वालीपोखर तक जाते हैं क्योंकि यहां सड़क मार्ग टूटने के कारण कोई भी मोटर नहीं आती हैं। लोग अपने घरों का राशन पानी अपने सरों पर लाने के लिए आज भी बेबस हैं। सांकेतिक धरना प्रदर्शन में डोटल गांव के सभी महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों व युवाओं ने भाग लिया।

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