न्यायमूर्ति वर्मा ने मुख्यमंत्री व पंचायती राज मंत्री को सौंपा आयोग का प्रथम प्रतिवेदन
देहरादून। उत्तराखण्ड के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण हेतु एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ब्रह्म सिंह वर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आयोग का प्रथम प्रतिवेदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। इस अवसर पर पंचायतीराज अधिकारियों के साथ प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित रहे।
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुति जनपद हरिद्वार के परिप्रेक्ष्य में अंतरिम संस्तुति है, जो अंतिम प्रतिवेदन के अधीन होगी।
पंचायतीराज मंत्री श्री महाराज ने कहा कि आयोग के अंतरिम प्रतिवेदन में जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 171 (54.13 प्रतिशत) प्रधान पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 69 (22.03 प्रतिशत) पदों की संस्तुति की है।
उन्होने बताया कि जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 3 (54.13 प्रतिशत) प्रमुख पदों के सापेक्ष एकल समर्पित आयोग द्वारा कुल 1 (16.66 प्रतिशत) पद की संस्तुति की है। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया राज्य के अन्य 12 जनपदों में पूर्ण न होने के कारण जनपद हरिद्वार में अध्यक्ष जिला पंचायत पद के आरक्षण के सम्बन्ध में आयोग द्वारा कोई संस्तुति नहीं की गई है।
जनपद हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल 362 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड) आरक्षित66666666