दुर्घटना में मारे गए तीर्थयात्रियों को लेकर सरकार की जमकर आलोचना
आरोप —आनन फानन में लिए गए निर्णय के दुष्परिणामों का खमियाजा भुगत रहे है श्रद्धालुगण
सुझाव– तारीफों व वाह-वाहियों के बजाए सरकार प्रतिक्रियो को माने फीडबैक
देहरादून। यमनोत्री जा रहे 26 तीर्थयात्रियों के मारे जाने की घटना से आहत लोग अब सरकार को दोषी ठहरा रहै है। विपक्ष व कुछ राजनैतिक दलों ने चार-धाम यात्रा को सरकार द्वारा आनन फानन में लिया गया निर्णय बताया है।
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश के 26 मारे गए तीर्थ यात्रियों को प्रदेश कार्यालय में दी श्रद्धांजलि, सभी मृतक पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए मांगी दूआएँ ।
आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ,कोविड के बाद यात्रा खुली हुई है और सरकार को यह मालूम था की यात्रा में इतने अधिक श्रद्धालु आएंगे ,लेकिन सरकार द्वारा किसी भी तरह की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त न होने से और सड़कें ठीक ना होने से यहां आ रहे यात्री काल के मुंह में समा रहे हैं , जिसकी सीधी जिम्मेदार सरकार पर है। उन्होंने कहा की अभी तक चार धाम यात्रा के दौरान मौतों का आंकड़ा डेढ़ सौ के पार हो चुका है ,जो बहुत ही गंभीर विषय है।
उन्होंने यह भी कहा कि ,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को यहां दौड़ना नहीं पड़ता अगर यहां की सरकार सड़कों को दुरुस्त करती गाड़ियों की फिटनेस से लेकरल सड़क किनारे पैराफीट बनाने और सड़कों को सुधारने पर विचार करती।
वही गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविंद्र आनंद ने इस मौके पर कहा कि, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए सरकार को गंभीर होना होगा । हम सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत ऐसे मामलों का गंभीरता पूर्वक संज्ञान ले।
उन्होंने कहा कि, यात्रियों की संख्या अधिक होने से कई जगह पंजीकरण ना होने के चलते यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं ।उनके रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। डिहाइड्रेशन की समस्या ज्यादा हो रही है। चार धाम की यात्रा में कई जगह फर्स्ट एड सेंटर्स नहीं है ,बैठने के इंतजाम नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इन मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने ये भी कहा कि पर्यटन मंत्री और प्रभारी मंत्री यात्रा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि मुख्यमंत्री चार धाम यात्रा को गंभीरता से लेते हुए खुद ही इनकी मॉनिटरिंग करें, ताकि ऐसे दुखद हादसे दोबारा प्रदेश में ना हो।