चारधाम यात्रा की सफलता पर निर्भर है उत्तराखण्ड का अस्तित्त्व
दिल्ली/उत्तराखण्ड।लंबे इंतजार के बाद लीजिये चारधाम यात्रा की शरुआत हो गयी है। राज्य की सरकार के दृष्टिपटल पर चारधाम यात्रा का सुनियोजित ढांचा तैयार तो हो गया परन्तु महामारी के वर्तमान हालात को अगर देखा जाये तो सरकार की तैयारियों पर कुछ संशय की स्थिति नजर आती है।
इस वक्त पूरे देश के पर्यटक व श्रद्धालु इस चारधाम यात्रा में आने को अपना सौभाग्य समझ रहे है। पर बीते वर्षो का जिक्र किया जाए तो ऐसे में सरकार के कथित चारधाम यात्रा के सफल होने की गारंटी किसी जोखिम से कम नही है ।
इन सवालों पर अपनी राय देते हुए दिल्ली के प्रतिष्ठित एवं वरिष्ठ पत्रकार व इंटरप्रेनयोर टाइम्स के प्रबन्ध सम्पादक बी.आर.चौहान ने चारधाम यात्रा से जुड़े कुछ विचार व सुझाव public-voice.in पर सांझा किये है।
उत्तराखण्ड में कभी kvic के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके बी.आर.चौहान का मानना है कि उत्तराखण्ड की विशाल भौगोलिक सरंचना तथा समृद्ध ऐतिहासिक धर्मस्थलों के कारण यहाँ धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं l
यह हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड सरकार ने चार धाम यात्रा का बड़ी धूमधाम से शुभारंभ कर दिया है. हमें इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि कोविड-19 अभी कम हुआ है, खत्म नहीं हुआ है. बेहतर होगा कि सभी यात्रियों के पास दो दिन पूर्व का RT-PCR हो या पर्यटन आरंभ करने से पहले उनका आवश्यक टेस्ट हो ।
उत्तराखण्ड में पर्यटन उद्योग लाखों लोगों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान करता है इसलिये उसके उत्थान और विकास पर विशेष ध्यान देना भी जरूरी है ।
गौरतलब है कि पर्यटन उद्योग को उत्तरांचल और सभी जगहों पर पिछले दो सालों से महामारी के कारण भारी नुकसान पहुंचा है। चार धाम यात्रा तो प्रारंभ हो गई है परंतु हमें अपने बुनियादी ढांचे /सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान देना होगा। अपर्याप्त connectivity के कारण कई बार तीर्थ यात्रियों को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। होटल और रेस्तरां में और उसके आस-पास स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना होगा l यात्रियों की सुविधा के लिए जगह जगह पर पर्यटन सूचना केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र बनाने होंगे। बड़े पैमाने पर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को contract या अन्य तरीकों से तैनात करना जरूरी है. विदेशी पर्यटकों का VIP की तरह ध्यान रखना होगा। रास्ते में जगह जगह इन्टरनेट कैफे भी लगाने होंगे । यात्रियों को ठहरने का भी अच्छा प्रबंध सरकार को करना होगा क्योंकि यह उत्तराखण्ड की अस्मिता का सवाल है।
गरीब यात्री जो प्राइवेट वाहन का खर्चा नहीं उठा सकते उनके लिये सस्ते सरकारी वाहनों की उपलब्धता भी जरूरी है।
आपातकालीन परिस्थितियों से निबटने के लिए हेलिकाप्टर और छोटे हवाई जहाजो का भी विशेष प्रबंध पहले से ही तैयार होना चाहिए. धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा का भी प्रबंध होना चाहिये. इसी तरह अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए और यात्रियों को विभिन्न सुविधाएँ देने के लिए सरकारी या सेवा निवृत अधिकारियों/कर्मचरियों को भी लगाना होगा।