उत्तराखण्ड में पूंजीपतियों के हाथ  गिरवी हो गयी शिक्षा …..

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सरकारी स्कूलों को पुनर्जीवित कर सीबीएसई प्रणाली लागू करना बेहतर विकल्प

देहरादून । महंगी शिक्षा प्रणाली से उत्तराखण्ड में पूंजीपतियों के हाथ  गिरवी हो गयी शिक्षा…..अब ऐसा प्रतीत होता जा रहा है। आज आम आदमी अपने बच्चों को उत्तराखण्ड में महंगी शिक्षा नही दे पा रहा है ऐसी स्थिति में महंगी शिक्षा के अभाव में बच्चो के भविष्य पर क्या  प्रभाव पड़ेगा ये आप खुद समझ सकते है।
स्मार्ट सिटी के नाम पर स्मार्ट शिक्षा को भुनाने के लिए  अब निजी स्कूल संचालको ने प्रवेश पर मनमाना शुल्क बढ़ा दिया है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राष्ट्रीय गोरखा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.जे.बी.कार्की ने पब्लिक स्कूलों में प्रवेश शुल्क व फीस में बेहताशा व्रद्धि किये जाने पर मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है तत्काल आदेश जारी कर निजी स्कूलों की चल रही मनमर्जी पर रोक लगाए।
मुख्य मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि सरकार सभी सरकारी स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू करें। महंगाई के दौर में निजी स्कूलों द्वारा प्रवेश पर हुई बेहताशा व्रद्धि से आम आदमी पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है। व्योवर्द्ध नेता श्री कार्की ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से स्कूलों के लिए कोई बेहतर नीति आज तक नही बन पाई है। इन्ही वजहों से निजी स्कूलों की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई। आज शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों ने लूट मचा रखी है। इन्हें रोकने का अभी तक किसी ने प्रयास नही किया।
श्री कार्की ने मांग की है कि इस गम्भीर मसले पर मुख्य मंत्री जल्द निर्णय ले ताकि प्रदेश के नौनिहालों को स्कूलों शिक्षा प्राप्त करने का बेहतर मौका मिल सके।


 

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