यूक्रेन -रूस की छिड़ी जंग : देश में आर्थिक संकट की दस्तक

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मुल्क में बिगड़ते हालातों के बीच उम्मीदों की आस…..

देहरादून। अभी दो वर्षों से  कोरोना जैसी महामारी को झेल रहे देश मे एक बार फिर हालात बिगड़ने जा रहे है । यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग आज कोरोना जैसे हालत को प्रभावित करने वाले है।
आज इस घटना को पूरा विश्व देख रहा है। दूसरे मुल्क में रहकर काम कर रहे भारत के कई नौजवान आज असुरक्षा के खोफ में अपने खुदा याद कर रहे है। घर कैसे पहुंचे इस बात की चिंता बार मन मे सता रही है।
देहरादून के छात्रों के परिजन भी चिंतित हैं। कुछ छात्रों की अपने परिजनों से मोबाइल पर बात भी हुई है। जिन्होंने वहां फिलहाल ठीक होने की बात कही है, लेकिन आज सुबह जो तस्वीरें सामने आई उसने परिजनों को हिला कर रख दिया है।
यूक्रेन में बढ़ते चिंताजनक हालातों के मद्देनजर परिवार वालों के कहने पर अक्षत जोशी ने 27 फरवरी की फ्लाइट बुक कराई थी। कुछ देर बात होने के बाद अक्षत का फोट कट गया। और फोन नहीं लगने से माता-पिता बेचैन हैं। 28 फरवरी को उसे भारत पहुंचना था। कीव में रूसी सेना के घुसने की वजह से फ्लाइट पर भी संकट खड़ा हो गया है।

खारकीव से 9-10 घंटे की दूरी तय कर फ्लाइट से कीव आना था। उसके बाद कीव से उसे भारत के लिए फ्लाइट पकड़नी थी। फिलहाल उनके समेत कई छात्रों और अन्य लोगों के भारत आने पर संकट बना हुआ है। और यहां देहरादून में उनका परिवार चिंता में है। यूक्रेन की राजधानी कीव समेत लिवीव, खारकीव जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाईल के लिए देहरादून से गए छात्र और छात्राओं के परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

परिजन चाहते हैं कि जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे उनके बच्चों को भारत सुरक्षित लाया जाए। हाथीबड़कला केंद्रीय विद्यालय में अध्यापिका रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश सिंह बिष्ट यूक्रेन के लिवीव मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। रश्मि को भी बेटे की चिंता सताने लगी है।

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