सियासत की रार आखिर किसकी हुई हार

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देहरादून। क्रिसमस दिवस से एक दिन पूर्व राजनैतिक विस्फोट हों जाना ये कोई चोंका देने वाला मामला नही है क्योंकि ये तो एक दिन होना ही था क्योकि हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा काऊ का भाजपा से मन उचाट होना स्वजभविक था। ये चिंगारी तो त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में लग चुकी थी। बस इसको हवा देना बाकी था जो आज दोनों दिग्गज नेताओं ने अपना इस्तेफा देकर प्रदेश की राजनीति में नई परंपरा निभाते हुए बदलापुर के नवरत्नों में अपना नाम शुमार कर लिया।
सोचने की बात ये है कि आखिर ऐसा करके दूसरे राजनैतिक दलों में अपनी उपस्थिती दर्ज करवाकर क्या जनता के प्रति फिर से वही अपनी भूमिका को नए सिरे से बेहतर बना सकेंगे। क्या जनता उन्हें फिर से उसी रूप में स्वीकार कर सकेगी। ये सारे सवालों के जवाब आज राज्य के हर व्यक्ति के जहन में उतपन्न हुए है। आज प्रदेश की जनता को जवाब देना होगा।

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