महानिदेशक वंदना ने कीट बीजागार कार्यप्रणाली की ली जानकारी

देहरादून। महानिदेशक, कृषि एवं उद्यान, उत्तराखण्ड शासन वंन्दना द्वारा रेशम निदेशालय प्रेमनगर देहरादून का निरीक्षण किया गया। प्रभारी निदेशक रेशम प्रदीप कुमार द्वारा महानिदेशक महोदय का स्वागत करते हुये उन्हें रेशम निदेशालय के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। महानिदेशक महोदया द्वारा निदेशालय परिसर में स्थापित शहतूती रेशम कीट बीजागार का निरीक्षण कर बीजागार की कार्यप्रणाली की जानकारी ली गई। उनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के शहतूती रेशम कीट बीज उत्पादन में स्वावलम्बी बनने पर प्रशंसा करते हुये बीजागार में कीट बीज उत्पादन को बढ़ाते हुऐ अन्य राज्यों की भी मांग की पूर्ति करने हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये। महानिदेशक महोदया द्वारा सेलाकुई स्थित रेशम कोया बाजार व यू०सी० आर० एफ० के माध्यम से संचालित ग्रोथ सेन्टर का निरीक्षण किया गया। श्री मातबर कन्डारी, उप महाप्रबन्धक यू०सी० आर० एफ० द्वारा ग्रोथ सेन्टर में किये जा रहे रेशम धागा उत्पादन कार्य एवं वस्त्र उत्पादन कार्य की जानकारी उपलब्ध कराई गई। महानिदेशक महोदया द्वारा उपभोक्ताओं की वर्तमान मांग के अनुरूप विविधतापूर्ण उच्चगुणवत्ता के रेशम वस्त्रों के निर्माण किये जाने के निर्देश दिये गये। तत्पश्चात महानिदेशक द्वारा बीजू कोया उत्पादन क्षेत्र आदूवाला एवं व्यवसायिक रेशम उत्पादन क्षेत्र सभावाला में स्थापित चाकी रेशम फार्मो का निरीक्षण किया गया व मौके पर उपस्थित रेशम कृषको से वार्ता करते हुये उनसे और ज्यादा शहतूत वृक्षारोपण करते हुए अधिक मात्रा में रेशम कोया उत्पादन किये जाने को प्रोत्साहित किया साथ ही विभागीय अधिकारियों से वर्ष में अतिरिक्त रेशम कीटपालन फसलों को अपनाने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिये गये। साथ ही कृषकों की समस्याओं व मांगो की जानकारी लेते हुये उनके ससमय निराकरण हेतु उपस्थित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। अन्त में महानिदेशक द्वारा प्रेमनगर स्थित यू०सी० आर० एफ० कार्यालय व रिटेल शोरूम का भ्रमण कर कार्यों के जानकारी लेते हुये शोरूम पर विक्रय हेतु उपलब्ध विभिन्न रेशमी वस्त्रों एवं ककून काफ्ट उत्पादों का अवलोकन किया गया।

महानिदेशक द्वारा रेशम विभाग के अधिकारियों को अग्रिम कार्ययोजना के संबंध में कतिपय निर्देश दिए गए
1. रेशम कीट बीज उत्पादन में विभाग की क्षमता वृद्धि कर, उत्तराखंड राज्य बीज/कीट का सप्लायर बने और विभागीय व्यावसायिक सेवा के खर्च को बीज विक्रय से हुई आय से वहन कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु प्लान तैयार करें ।
2. रेशम विभाग से जुड़े 10 हजार किसानों का आय के आधार पर वर्गीकरण कर कम आय वाले कृषक समूह को अधिक आय वर्ग में लाने की कार्ययोजना तैयार करें।
3. वर्तमान में रेशम कृषकों द्वारा ली वर्ष में दो फसल से आगे बढ़कर वर्ष में चार फसल तक लाने के लिए प्रशिक्षण और इनपुट सप्लाई पर ध्यान दें ।
4. पोस्ट कोकून कार्यों जैसे रेशम उत्पादन/वस्त्र निर्माण में वेस्टेज को कम कर आधुनिक मार्केट आधारित उत्पादों पर फोकस करें और कस्टमर बेस बढ़ाने पर ध्यान दें ।
5. प्राथमिक प्रोसेसिंग/स्पिनिंग से महिला समूहों को जोड़ा जाए ।
6. शहतूत के अधिक पत्ती उत्पादन वाली प्रजातियों पर ध्यान दें, इसके लिए रिसर्च संस्थानों से समन्वय करें।
7. किसानों को कोकून का बेहतर दाम मिल सके इसके लिए गुणवत्तायुक्त कोकून उत्पादन के लिए किसानों का मार्गदर्शन करें।
महानिदेशक महोदया के भ्रमण के दौरान सहायक निदेशक रेशम (मुख्यालय) श्री विनोद तिवारी, सेवानिवृत वैज्ञानिक केन्द्रीय रेशम बोर्ड श्री वी०पी० गुप्ता व अन्य उपस्थित रहे।