भूखंड में अवैध निर्माण पाए जाने पर कठोर कदम उठाने की मांग…..

 

देहरादून। सयुंक्त नागरिक संगठन कें नेतृत्व मेँ एक शिष्टमण्डल खलगां रिजर्व फॉरेस्ट मेँ निर्माण कार्य व पिलर आदि बनाने के सम्बन्ध वन मुख्यालय मेँ हॉफ धनंजय मोहन से मुलाकात कर काफी बिन्दुओं पर वार्ता कें बाद मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन प्रेषित किया।
शिष्टमण्डल ने हॉफ से जोर देते हुये कहा कि अवैध रूप से कैम्पिंग साइट भू स्वामित्व से संबंधित अभिलेखों खसरा खतौनी, लीज डीड, विक्रय पत्रों, पूर्व में हुई समस्त रजिस्ट्रियों का पूरा इतिहास खंगाल कर राजस्व विभाग द्वारा विस्तृत जांच कराई जाय औऱ वन विभाग कें गेर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों पर तत्काल कार्यवाही की जाय। मुख्य वन अधिकारी धनंजय मोहन ने आश्वासन दिया कि हमारी जांच प्रारम्भ हो चुकी हैं औऱ वन एवं राजस्व विभाग की सयुंक्त जांच भी होगी। उन्होंने बताया कि मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल की रेख देख मेँ जांच की जायेगी।आरोपो की जांचोपरांत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वन मुख्यालय कें तत्काल बाद संयुक्त नागरिक संगठन का प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भी ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन के माध्यम से इन्होंने जांचोपरांत भूखंड में अवैध निर्माण पाए जाने पर कठोर कदम उठाने की मांग की साथ ही सभी अतिक्रमण वाले स्थानों एवं वन क्षेत्रों मेँ बारीकी से जांच की मांग की। उप जिलाधिकारी सदर हरी गिरी ने आश्वासन दिया कि राजस्व विभाग वंहा जांच प्रकिया ठीक से करेगा।
शिष्टमण्डल ने जिलाधिकारी द्वारा भूमाफियाओं की 900 बीघा जमीन को सरकार में निहित करने के फैसले को प्रशंसनीय कदम बताया। इनका कहना था कि राज्य में दून के अलावा अन्य 12 जनपदों से ऐसी कर कठोर कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है।अन्य जिलाधिकारियो को भी ऐसे कदम उठाने के लिए शासन से निर्देश जारी होना जनहित में होगा। इन्होंने आशा व्यक्त की कि जिलाधिकारी प्रकरण में कठोर कदम उठाएंगे।बाद में यह प्रतिनिधिमंडल वन विभाग के मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक से मिला। संगठन की ओर से दिए ज्ञापन में खलगां रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध रूप से पेड़ों के कटान, निर्माण कार्य के प्रयासों की उच्च स्तर से निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है।
शिष्टमंडल में संजीव श्रीवास्तव, नरेश चंद्र कुलाश्री, मुकेश नारायण शर्मा, प्रदीप कुकरेती, प्रकाश नागिया, शक्ति प्रसाद डिमरी आदि उपस्थित थे।