अधिवक्ताओं को आवंटित किए जा रहे चेंबर को निर्धारित शुल्क में मिले रियायत : विवेकानंद खंडूरी

देहरादून । भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूड़ी एक ऐसी  शख्सियत का नाम है जिसने कालेज के मुद्दे से लेकर सामाजिक आर्थिक कई ज्वलंत विषयों को प्रमुखता से उठाया हैं । जहां लोगो की उम्मीद दम तोड़ देती है वहां खंडूरी जी अपने विवेक के बल पर उन लोगों की अधूरी आस को पूरा करने में जुट जाते हैं। 

इस बार खंडूरी जी कुछ ज्वलनमद्दे लेकर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से मिले। शिष्टाचार भेंट के बाद श्री खंडूरी ने मुख्यमंत्री से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत कर उनके तत्काल निधन हेतु एक अनुरोध पत्र उन्हें दिया।

पत्र में अवगत कार्यकी  देहरादून के नए अधिवक्ताओं को नवनिर्मित कोर्ट परिसर में आवंटित किए जा रहे चैंबरों की कीमतों में रियायत देने, 1998 से पूर्व नियुक्त आयुर्वेद चिकित्सकों के विनियमितिकरण संशोधन के अनुरूप पेंशन देने , डीएवी पीजी कॉलेज के 2020 से नियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, एवं एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 9 डिग्री कॉलेजों में रिक्त पदों पर नियुक्ति करने सहित अन्य जनहित मुद्दों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रस्तुत किए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराऐ जाने का आश्वासन दिया।

भाजपा नेता विवेकानंद खंडूरी ने विस्तृत वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी को अवगत कराया कि, हाल ही में देहरादून जिला कोर्ट की नई बिल्डिंग बनी है। इसके परिसर में अधिवक्ताओं को चेंबर आवंटित किए जा रहे हैं। इन चैंबरों का शुल्क अत्यधिक होने के कारण नए अधिवक्ता निर्धारित शुल्क भुगतान करने में में असमर्थ हैं। अतः निर्धारित शुल्क में रियायत दी जानी चाहिए।
4 दिसंबर 2023 को उत्तराखंड की कैबिनेट बैठक में पारित हुआ था कि, 30 जून 1998 से पूर्व नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों की विनियमितीकरण तिथि 27 जनवरी 2006 के स्थान पर 30 दिसंबर 2005 संशोधित की जाए। इसके उपरांत उक्त चिकित्सा अधिकारी पेंशन हेतु अर्ह हो गए हैं। लेकिन अभी तक इस पर विभागीय कार्रवाई लंबित है।

डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में मार्च 2020 में 10 शिक्षकों की विज्ञप्ति जारी होने के बाद पूर्णतः नियमसंगत रुप से नियुक्ति हुई थी। इन शिक्षकों को नियुक्ति प्राप्ति सेअद्यतन वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि इसी विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति प्राप्त विधि व बीएड विभाग के शिक्षकों को हाई कोर्ट के निर्देशानुसार वेतन निर्गत किया जा रहा है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी श्रीनगर गढ़वाल से संबद्धता प्राप्त प्रतिष्ठित एतिहासिक डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, एम.के.पी (पी.जी) महिला कालेज सहित 9 अशासकीय डिग्री कॉलेजों में वर्ष 2017 से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिटायर होने के उपरांत कोई भी नियुक्तियां नहीं की गई हैं। अधिकांश पद रिक्त होने की वजह से, इन कालेजों में शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हुई हैं। छात्रों के पठन पाठन पर बड़ा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। छात्रों की संख्या के मुक़ाबले शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की संख्या अत्यंत कम है।
श्री खंडूड़ी ने अधिवक्ताओं को नवनिर्मित कोर्ट परिसर में आवंटित किए जा रहे चैंबरों की कीमतों में रियायत देने, 1998 से पूर्व नियुक्त आयुर्वेद चिकित्सकों के पेंशन भुगतान, डीएवी पीजी कॉलेज के 2020 से नियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान करने एवं एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 9 डिग्री कॉलेजों में रिक्त पदों पर नियुक्ति करने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है।