राज्य आंदोलनकारियों ने संसदीय कार्यमंत्री कें बयान की कड़ी भर्त्सना कर की इस्तीफे की मांग…

देहरादून। सत्र मेँ संसदीय कार्यमंत्री कें द्वारा आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने का प्रकरण पूर्व प्रदेश में आग की तरह फैल गया है। आज राज्य आंदोलनकारी मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों द्वारा एक सुर मेँ संसदीय कार्यमंत्री कें बयान की कड़ी भर्त्सना की औऱ इस्तीफे की मांग की।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व 1994 मेँ पृथक राज्य की मांग को लेकर सुशीला बलूनी व गोविन्द ध्यानी कें साथ भूख हड़ताल पर बैठने वाले रामपाल पुष्पलता सिलमाणा एवं केशव उनियाल ने कड़े शब्दों मेँ कहा कि प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा पीठ का भी अपमान किया औऱ पूरी उत्तराखंडियत का अपमान करने का कार्य किया। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा संसदीय मन्त्री कें इस कृत्य पर कोई कार्यवाही नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। शकुन्तला रावत व सुलोचना भट्ट कें साथ प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि माननीय मुख्यमन्त्री ने बजाय डांटने कें लीपापोती करने का कार्य किया साथ ही अन्य विधायक व मन्त्रीयों की चुप्पी से हम हथप्रभ हैं कि अपने को राज्य आंदोलनकारी लिखने वाले आखिर क्यों चुप रहें किसी ने भी प्रतिकार नहीं किया यें बड़ा सवाल हैं।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व हरी प्रकाश शर्मा कें साथ लोक बहादुर थापा ने कड़े स्वर मेँ कल की घटना की भर्त्सना करते हुये कहा कि एक तरफ हम राज्य की रजत मनाने जा रहें हैं तो इसके ठीक उलट कोई गोलियां दाग रहा औऱ कोई गालियां देता हैं तो कोई विधानसभा मेँ मर्यादा लांघ रहा हैं। अभी UCC कानून से हमारे घाव अभी हरे थे उसमें सुधार लाने की जगह उल्टा हमारी उत्तराखण्डीयत को ललकारा व गालियाया जा रहा हैं औऱ प्रदेश अध्यक्ष , विधानसभा अध्यक्ष , मुख्यमन्त्री औऱ विधायकों की चुप्पी ने बड़े सवाल खड़े किये।
बैठक कें अन्त मेँ उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच एकत्र होकर नारे बाजी करते हुये संसदीय कार्यमंत्री माफी मांगों माफी मांगों , प्रेमचन्द अग्रवाल इस्तीफा दो इस्तीफा दो , भाजपा अध्यक्ष मौन क्यों मौन क्यों , मुख्यमन्त्री लीपापोती बन्द करों बन्द करों कें साथ राज्य आंदोलनकारी विधायक मन्त्री चुप्पी तोडो चुप्पी तोड़ो नारे लगाते हुये जिलाधिकारी कें यहां पहुंचे। राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से जिलाधिकारी से निवेदन किया कि कल विधानसभा मेँ संसदीय कार्यमंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द जी द्वारा जो मर्यादा तोड़ी गई उसके हमारी शिकायत/आवाज राज्यपाल , विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमन्त्री एवं भाजपा अध्यक्ष तक पहुंचाए कि प्रेमचन्द अग्रवाल प्रेम से प्रदेश वासियों से माफी मांगे उनका इस्तीफा लिया जाय उन्होंने पीठ की भी मर्यादा तोड़ी हैं।
बैठक व प्रदर्शन मेँ वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी रामपाल , सलाहकार केशव उनियाल , प्रदेश प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती , धर्मपाल सिंह रावत , पुष्पलता सिलमाणा , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , तारा पाण्डे , अरुणा थपलियाल , रामेश्वरी नेगी , लक्ष्मी बिष्ट , संगीता रावत , शकुंतला रावत , रामेश्वरी बिष्ट , रामेश्वरी कण्डवाल , बसन्ती सुन्दरियाल , रजनी कण्डवाल , प्रमिला रावत , विजय लक्ष्मी सुन्द्रियाल , रजनी पैन्युली , लोक बहादुर थापा , मनोज नौटियाल , नारायण सिंह नेगी , बीर सिंह रावत , धर्मानन्द भट्ट , सुरेश कुमार , प्रभात डण्डरियाल , गौरव खंडूड़ी , हरी सिंह मेहर , आमोद पैन्युली , सुशील चमोली , विनोद असवाल , अनुराग भट्ट , हरीश पन्त , जबर सिंह पावेल , विजय बलूनी , सुरेन्द्र रावत , अरुणा थपलियाल , रामेश्वरी रावत , लक्ष्मी बिष्ट , अनीता रावत , मीरा गुसांई , सुनीता खंडूड़ी , कल्पना सेमवाल , सुबोधिनि भट्ट , संगीता रावत , जयन्ती बलूनी , रामेश्वरी नेगी , सरोज कण्डवाल , शान्ति कैतुरा , सुभागा फर्स्वाण , अनीता रावत , गीता नेगी , यशोदा ममगांई , सरोजनी नौटियाल आदि।