लक्ष्य सेन और अंकिता ध्यानी करेंगे उत्तराखंड का नेतृत्व ! राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन में होंगे विशेष ध्वजवाहक..….
नेशनल गेम्स में उत्तराखंड के ध्वजवाहक होंगे ओलंपियन लक्ष्य सेन व अंकिता ध्यानी
देहरादून। ओलंपिक खेलों के बैडमिंटन सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी और उत्तराखंड के गर्व, लक्ष्य सेन, और ओलंपिक लंबी दूरी की धावक अंकिता ध्यानी, 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के ध्वजवाहक की भूमिका निभाएंगे। यह समारोह आज देहरादून में आयोजित किया जा रहा है।
ये पहला अवसर है जब उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहा है जिससे राज्य में खेलों को लेकर एक नया जोश उत्पन्न होगा। पीएम मोदी के इस उद्घाटन समारोह के साथ खेलों की शुरुआत से देशभर के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा मंच तैयार होगा।
लक्ष्य सेन और अंकिता ध्यानी करेंगे उत्तराखंड का नेतृत्व, राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन में विशेष ध्वजवाहक रहेंगे। ओलंपिक बैडमिंटन सेमीफाइनल में जगह बना इतिहास रचने वाले लक्ष्य सेन और ओलंपिक लंबी दूरी धावक अंकिता ध्यानी, 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड के ध्वजवाहक होंगे। यह प्रतिष्ठित भूमिका उन्हें राष्ट्रीय खेलों की एथलीट परेड में सौपी गई है।
इस साल की विशेषता यह भी है कि हर राज्य का नेतृत्व एक पुरुष और एक महिला ध्वजवाहक करेंगे, जो समावेशिता को प्रोत्साहित करता है। इसमें ओलंपियन 10 मीटर एयर राइफल शूटर एलावेनिल वलारिवन (गुजरात), महिला कंपाउंड तीरंदाजी 2023 विश्व चौंपियन अदिति स्वामी (महाराष्ट्र), और विश्व चौंपियन ओमप्रकाश मिथरवाल (राजस्थान) जैसे कई स्टार खिलाड़ी शामिल हैं। मूल्यवान योगदान देने वाले अन्य प्रमुख ध्वजवाहकों में भारतीय खो खो टीम के कप्तान प्रतीक वाकर (महाराष्ट्र), तीरंदाज तरुणदीप राय (सिक्किम), एशियाई खेलों की रजत विजेता आशी चौकसे (मध्य प्रदेश), वुशु स्टार अंजुल नामदेव (सर्विसेज) और बैडमिंटन खिलाड़ी अश्मिता चालिहा (असम) का नाम लिया जा सकता है। हरिंदरपाल सिंह संधू, जो हांग्जो एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रहे, तमिलनाडु का नेतृत्व करेंगे। कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंग भी देखने को मिलेगा, जिसमें शिव तांडव से प्रेरित उद्घाटन और धैर्य, शौर्य और निश्चय पर आधारित प्रस्तुति होगी। उत्तराखंड बैंड और जुबिन नौटियाल की संगीत प्रस्तुति समारोह को और रंगीन बना देगी। राष्ट्रीय खेलों में 35 विषयों में लगभग 450 स्वर्ण पदक दांव पर होंगे, और प्रतियोगिताएं 14 फरवरी को हल्द्वानी में समापन समारोह के साथ समाप्त होंगी।