पति से मिली विरासत ! दिग्गजों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा बनी चुनौती….

देहरादून।  वार्ड 80 रेस्टकैंप निकाय क्षेत्र के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ी शिवानी कक्कड़ अपने पति एवं पूर्व पार्षद राजकुमार कक्कड़ की कार्यशैली से प्रेरणा लेकर क्षेत्र की जनता का विश्वास जीतने के लिए प्रयासरत है।

मीडिया से अपने अनुभव सांझा करते हुए श्रीमती कक्कड़ ने कहा कि पिछले दस वर्षों से वे संघ की कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करती आ रही हैं, उसके बावजूद भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा प्रलोभन के चलते उन्हें पार्टी के टिकट से वंचित कर दिया।

उन्होंने कहा पति की कार्यशैली वो जनता से मिले अथहा प्रेम ने उन्हें पुनः इस क्षेत्र के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी  सेवा प्रदान करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वार्ड 80 को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता है । इसके लिए मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ आम जनमानस में बेहतर तालमेल बनाए रखना बेहद जरूरी है। बड़ा क्षेत्र होने की वजह से वार्ड 80 की क्षेत्रीय जनता की समस्याएं भी भिन्न – भिन्न है जिनके निदान हेतु जनप्रतिनिधि को हमेशा तैयार रहना चाहिए। पार्षद के लिए निर्वाचित क्षेत्र उसका अपना परिवार होता है एक प्रत्याशी को इस बात का सदैव स्मरण रहना चाहिए।

त्यागी रोड से रेस्ट कैंप क्षेत्र की जनता के विश्वास को कायम रखना प्रत्याशी की ये पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस बार वास्तव में जनता का रुझान बदलता नजर आ रहा है  क्षेत्र की जनता के लिए नए प्रतिनिधि के रूप में शिवानी कक्कड़ जनता की पहली पसंद बनती जा रही है। ऐसा नहीं है की दूसरे दल के प्रत्याशी कमजोर है वो भी इस चुनाव में पूरी तैयारी के साथ चुनाव में खड़े है।
ऐसे  में पार्षद के रूप में अपने आप को पुनः स्थापित कर पाना शिवानी कक्कड़ के लिए कठिन डगर है क्योंकि मतदाता अब जागरूक हो गया है।

बहराल अभी कुछ कह पाना उचित नहीं होगा चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन जनता के कितने करीब है और इस बार किसका भाग्य रंग लाता है ।

चुनाव परिणाम जानने तक इस बात की रोचकता के साथ फिल्म की तरह संस्पेस बना रहेगा ।

बस इंतजार कीजिए पिक्चर अभी बाकी है…..