लर्निंग ट्री स्पेशल स्कूल द्वारा मनाया वार्षिकोत्सव ! स्पेशल बच्चों ने प्रस्तुत किये रंगारंग कार्यक्रम
विशेष बच्चों की परफॉरमेंस ने बनाया स्कूल के आठवें वार्षिकोत्सव को बेहद ख़ास…
देहरादून । लर्निंग ट्री स्पेशल स्कूल, धरमपुर, देहरादून द्वारा अपना आठवां वार्षिकोत्सव इंस्टीट्यूट ऑफ इंजिनियर्स भवन, देहरादून में मनाया गया। कार्यक्रम में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों ने अपनी अनूठी प्रस्तुतियां से अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए स्कूल के अध्यक्ष आर.पी. थपलियाल ने बताया कि लर्निंग ट्री स्पेशल स्कूल विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों का स्कूल है जहां पर इन बच्चों को भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षित करने के साथ ही उनके समेकित विकास से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस स्कूल का संचालन अनुभवी एवं कर्मठ व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बच्चे स्कूल में सीखी गई सांस्कृतिक गतिविधियों को अपने विशेष अंदाज में अभिव्यक्त करते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य सेवा आयोग प्रोफेसर (डॉ.) जगमोहन सिंह राणा ने बच्चों की प्रस्तुतियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्कूल के प्रबंन्धन और अध्यापक अध्यापिकाओं को मेहनत और लगन से इन विशेष बच्चों को शिक्षित करने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका यह कार्य एक प्रकार से समाज के प्रति उनकी सेवा है। उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि विशेष योग्यता वाले इन बच्चों को निखारकर इन्हें भविष्य हेतु और अधिक निपुण बनाने में अपना यथासंभव योगदान दें। प्रोफेसर जगमोहन सिंह राणा ने इसी प्रकार की विशेष योग्यता वाले विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हाॅकिन्स से अपनी मुलाकात का संस्मरण सुनाते हुए हाॅकिन्स के कार्यों का वर्णन किया।
कार्यक्रम में बच्चों ने लोकनृत्य, नाटक तथा विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। शिव तांडव पर भाव और ऊर्जा से भरपूर प्रस्तुति ने विशेष रूप से दर्शकों का मन मोहा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पावरलिफ्टिंग के अंतराष्ट्रीय चैंपियन तथा लर्निंग ट्री स्कूल के छात्र पृथ्वी सेनगुप्ता रहे जिन्होंने डेडलिफ्ट में 100 किलो तथा स्क्वाट्स में 60 किलो वजन उठाकर साबित किया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन से हम कोई भी मुकाम पा सकते हैं।
अपने संबोधन में स्कूल की निदेशक श्रीमती शिवानी कोटनाला ने कहा कि लर्निंग ट्री स्पेशल स्कूल की स्थापना सन 2011 में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षित करने, उन्हें जीवन की आवश्यक गतिविधियों के प्रति अभ्यस्त करने तथा विशेष आवश्यकताओं के कारण पेश आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने स्कूल की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल में इन बच्चों को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम एवं गतिविधियां संचालित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि आज हम कक्षा एक से दसवीं तक की शिक्षा इन बच्चों को प्रदान कर रहे हैं। बच्चों को डाकघर, रेस्तरांओं, माॅल, मंदिर, पार्क, ग्रोसरी स्टोर आदि जगहों पर ले जाकर उन्हें दैनिक जीवन के क्रियाकलापों का अनुभव दिलाया जाता है। शालिनी कोटनाला ने बताया कि विगत वर्ष स्कूल ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। स्कूल को उसकी गतिविधियों तथा विशेष बच्चों के भविष्य में योगदान को देखते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह द्वारा राजभवन में आयोजित पथ प्रदर्शक कार्यक्रम में प्रशस्ति-पत्र तथा नकद पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। इसी क्रम में दिव्य हिमगिरि फाउंडेशन द्वारा आकाशवाणी भवन में आयोजित टापर्स काॅन्क्लेव कार्यक्रम में स्कूल के राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान द्वारा आयोजित कक्षा दस में बेहतरीन अंकों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों के साथ ही उनके अभिभावक तथा अन्य अतिथियों ने प्रतिभाग किया।