कब जागोगे सीएम साहब ! कॉलेज शिक्षकों की ये  दुहाई है..

वेतन ना मिलने पर खंडूरी ने सीएम से मिलकर, बयां किया दस शिक्षकों का दर्द…

 

कब जागोगे सीएम साहब ! कॉलेज शिक्षकों की ये  दुहाई है..

ये कैसा है दस्तूर ! दूसरो को नौकरी के साथ मिली तवज्जों..

 और हमारे हिस्से में सिर्फ रुसवाई है ।

 हमने उम्र गुजार दी शिक्षा का पाठ पढ़ाने में, अब उनको बताये कैसे अफसाना हाले दिल का…

जिसने इज्जत खाक में मिलाई है ।।

ये चंद पंक्तियाँ उन लोगों की बेबसी को ब्यां करती है जो लम्बे समय से शिक्षा के पद पर काम करते रहे परन्तु सरकार द्वारा उन्हे अभी तक कोई वेतन नहीं मिल पाया।

जरा सोचिये ! साढ़े चार साल से कोई वेतन ना मिलने पर वे अपना जीवन कैसे व्यतीत कर रहे है इसके बावजूद शिक्षा के दायित्व को आज भी ईमानदारी के साथ  निभा रहे  है।

इस मुद्दे को लेकर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं भूतपूर्व छात्र संघ नेता विवेकानंद खंडूरी लगातार इस मामले को लेकर सरकार से संवाद बनाये हुए है….

 

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी नेता विवेकानंद खंडूड़ी ने डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून के दस शिक्षकों का साढ़े चार साल से रुके हुए वेतन का भुगतान और गढ़वाल मंडल के अधिकांश डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्रातिशीघ्र नियुक्ति किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास केंट रोड़ में भेंट वार्ता कर, शिक्षकों और कालेजों की समस्याओं का निराकरण किए जाने का अनुरोध किया है।

इस दौरान विवेकानंद खंडूड़ी ने मुख्यमंत्री श्री धामी को बताया कि, डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून के दस शिक्षकों की, मार्च 2020 में डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून में नियुक्ति हुई थी। इन सभी दस शिक्षकों की नियुक्ति पूर्णतः नियमसंगत नीति से हुई थी। जिसमें समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी होने, निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा दी गई अनुमति और नियुक्ति के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति का अनुमोदन भी शामिल है।
उपर्युक्त नियमसंगत कार्यवाही के अलावा उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल ने डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून के इन दस शिक्षकों के पक्ष में फैसला देते हुए निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तराखंड वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं। इसके उपरान्त भी इन शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया। जिससे ये शिक्षक भीषण आर्थिक संकट की त्रासदी से जूझ रहे हैं।

विवेकानंद खंडूड़ी ने उच्च शिक्षा विभाग तथा वित्त विभाग की नकारात्मक कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री जी से कहा कि , मार्च 2020 में नियुक्ति होने के उपरान्त आतिथि तक लगभग साढ़े चार साल से इन सभी दस शिक्षकों को वेतन जारी नही किया गया है। जबकि इस विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति पाये विधि व बी०एड० विभाग के शिक्षकों को उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल के आदेशानुसार सरकार द्वारा वेतन निर्गत किया जा रहा है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री धामी को अवगत कराया कि, गढ़वाल मंडल के एच.एन.बी. गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्रतिष्ठित एतिहासिक डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, एम.के.पी (पी.जी) महिला कालेज सहित 9 अशासकीय डिग्री कॉलेजों में वर्ष 2017 से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिटायर होने के उपरांत कोई भी नियुक्तियां नहीं की गई हैं। उच्च शिक्षा विभाग एवं शासन की असंवेदनशीलता के कारण शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं, जिसकी वजह से इन कालेजों में शैक्षिक गुणवत्ता प्रभावित हुई हैं।
नेता विवेकानंद खंडूड़ी ने डी.ए.वी. (पी.जी) कालेज, देहरादून में आयोजित नेशनल सेमिनार कार्यक्रम में, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से भेंट की और उक्त दस शिक्षकों का पिछला समस्त वेतन दिए जाने का आग्रह किया। वित्त मंत्री श्री अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि, सभी दस शिक्षकों को रुके हुए वेतन का शीघ्र ही भुगतान करा दिया जाएगा।