और खुशियों का माहौल जब यूँ मातम  में बदल गया..

हम बेखुदी में तुमको पुकारे चले गये। सागर में जिंदगी को उतारे चले गये..

शिमला ( डॉ. बी आर चौहान) “। हम बेखुदी में तुमको पुकारे चले गये। सागर में जिंदगी को उतारे चले गये।”

ये पुराना गीत उस शक्श के जीवन को चरित्राथ करता है जिसने जीवन में संघर्षो से जुझते हुए कभी मुस्कराना नहीं छोड़ा।

किसी को पता भी ना था कि वक्त की गिरी ऐसी गाज और खुशियों का माहौल  यूँ मातम्  में बदल जायेगा।  हाल ही मे एक मिलनसार और हंसमुख व्यक्ति इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गये।

श्री राम चंद जी एक पुलिस अफसर से ज्यादा समाजसेवी व्यक्ति थे। वह पुलिस मे रहते हुए महिला ,असहाय व्यक्ति और गरीब की बहुत मदद करते थे।

गाँव में वह अपने 34 साल के सेवाकाल मे पुलिस की वर्दी पहनकर शायद ही कभी आये हो ,  पूरे इलाके में वह अपनी ईमानदारी और साफ सुथरी छवि के लिए जाने जाते थे.
यही कारण था कि गांव में छोटे- बड़े सभी उनका सम्मान करते थे।

अभी पिछले सप्ताह उनके घर में कुछ धार्मिक कार्य चल रहा था। काफी मेहमान घर मे आये हुए थे। तरह – तरह के पकवान बन रहे थे। एक 22 लीटर के कुकर मे दाल पकाने के लिए रखी हुई थी। आधे घंटे तक जब कुकर मे कोई सिटी नही बजी तो उन्होंने कुकर को हिलाया और हिलाने के बाद कुकर मे एक भयंकर विस्फोट हुआ और इस विस्फोट ने उनकी जान ले ली।