उत्तराखंड पत्रकार महासंघ ने स्थानीय समाचार पत्र-पत्रिकाओ के अस्तित्व को बचाने की भरी हुंकार….

देहरादून। स्थानीय समाचार पत्र-पत्रिकाओ के अस्तित्व को संकट से उबारने के लिए आने वाले कुछ दिनों में एक जुट होकर केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुँचानी होगी। इसी उद्देश्य को लेकर उत्तराखण्ड पत्रकार महासंघ  पत्रकार हितों से जुड़े मुद्दे को केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी नीति के अंतर्गत चुने गये प्रतिनिधियों से साँझा करेगा और यदि आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुँचायेगा।

 

उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य मासिक बैठक हेतु जिला कार्यालय सुभाष रोड पर एकत्र हुए।

जिसमे पत्र पत्रिकाओं के अस्तित्व पर बढ़ रहे संकट को दूर किये जाने पर चर्चा की गयी। बैठक मे संगठन के पदाधिकरयोंँ में परस्पर समन्वय व आपसी सामजस्य बैठने पर विचार विमर्श किया गया।

बैठक कि अध्यक्षता प्रदेश प्रभारी  सुशील चमोली ने की ।

बैठक में सर्वप्रथम जिला महामंत्री  कृपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि दिनांक 30 जुलाई को भारतीय प्रेस परिषद का प्रतिनिधिमण्डल आना है जिन्हें कि पत्रकार महासंघ के द्वारा विज्ञापन एवं पत्रकारों की समस्याओं का सुझाव रखा जाएगा।

प्रदेश प्रभारी सुशील चमोली ने कहा कि जिले का कार्यवाही रजिस्टर व अन्य दस्तावेजों को परिपूर्ण किया जाए।

राकेश शर्मा ने बताया कि संगठन कि मीटिंग में सभी का आना अनिवार्य हो।

विनीत गुप्ता ने कहा कि पत्रकार चौथा स्तम्भ होने के बावजूद आज उसका कोई वजूद नहीं है।

राकेश कुमार भट्ट ने कहा कि जिले को चलाने के लिए उचित कोष कि व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जिले में लगातार कार्यक्रम हो सकें।

आज कि बैठक में उपस्थित सभी ने अपने अपने विचार रखे।

बैठक के समापन सम्बोधन में प्रदेश प्रभारी श्री सुशील चमोली ने सबका धन्यवाद किया और बताया कि बहुत जल्द एक आम बैठक रखी जायेगी जिसमें सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का अनिवार्य होगा।

सभी पत्रकार हित एवं संगठन हित में अपने विचार और सुझाव लेकर आएंगे।

आज कि बैठक में जिलाध्यक्ष कैलाश सेमवाल,अरुण
औसमन्ड, धन सिंह बिष्ट , सुश्री टीना वैश्य, श्रीमती कुसुम गुप्ता, श्रीमती इंदु मुमगाई, विनीत गुप्ता, शिव नारायण, राजेंद्र सिराड़ी, मुकेश कुकरेती हरीश करनवाल, कु एंज़ल आदि अन्य उपस्थित रहे।