चाहने वालो की भीड़ से घिरे थे हम विदाई का जब वो दिन आया

चाहने वालो की भीड़ से घिरे थे हम विदाई का जब वो दिन आया ।
स्वागत व बधाई के इस माहौल में हर चेहरा खुशी से झूमा व मुस्कराया।

दरों दिवार देख रही थी हसरत भरी नजरों से किसी कोने मे उनसे बिछड़ने का जब मौका आया

कुछ मुस्कराये फूल हवा के झोकों से अपनी आप बीती  का कर रहे थे इजहार ।

अब गुजर गये वो दिन बदल जाएगा प्रेम का वो लम्हा वो नजरियाँ छाया।

ये चंद पंक्तियां उस शख्सियत को समर्पित है जिन्होंने उनकी शिक्षा की छाया में रहकर अपना बेहतर भविष्य किया साकार।

देहरादून। उत्तराखंड, प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी हिंदी -विभागाध्यक्ष डीएवी ( पीजी) कालेज देहरादून ने अधिवर्षता के कारण छत्तीस वर्षों की अनवरत ,अतुलनीय और अध्यापन कार्य के लिए समर्पित सेवा के उपरांत अवकाश प्राप्त कर लिया है। इस आयोजित “विदाई समारोह” में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. एस.के. सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने भावभीनी विदाई दी। विदाई समारोह कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकों ने विवेकानंद खंडूड़ी भारतीय जनता पार्टी नेता एवं पूर्व छात्र अध्यक्ष डीएवी (पीजी) कालेज को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।

बहुआयामी एवं असाधारण व्यक्तित्व की स्वामिनी प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी का अध्यापन के अतिरिक्त सामाजिक और सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यो मे भी अनुपम योगदान रहा है। अपने भावपूर्ण संबोधन में डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी ने अपने ससम्मान अवकाश प्राप्ति की उपलब्धि और महाविद्यालय के शिक्षकों-कर्मचारियो का साथ छूटने के मानसिक द्वंद का एहसास कराया। उन्होंने कहा, 19 दिसम्बर 1987 से डी ए वी ( पीजी) कालेज के हिन्दी विभाग में अध्यापन कार्य किया। हिंदी -विभागाध्यक्ष शिक्षक संघ डीएवी ( पीजी ) कालेज के अध्यक्ष पद पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 19-7-2024 को कार्यमुक्त होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. एस .के . सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों से अभूतपूर्व स्नेहासिक्त भावभीनी विदाई लेते हुए कई बार मन भाव -विभोर उठा । हर्ष और विदाई की इस बेला में जिनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति ने मुझे गौरवान्वित किया उन सभी का धन्यवाद। मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूँ ।

 

इस विदाई समारोह के दौरान हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा द्वारा श्रीनगर गढ़वाल में “गढ़वाल यूनिवर्सिटी” की स्थापना किए जाने, कालांतर में दिग्गज नेता प. नारायण दत्त तिवारी द्वारा इस यूनिवर्सिटी का नाम हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी किए जाने के बाद , विजय बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा एच.एन.बी. गढ़वाल यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने और उत्तराखंड में प्रोफ़ेसर की अवकाश प्राप्ति आयु 65 वर्ष किए जाने पर चर्चा हुई। इस दौरान एच.एन.बी. गढ़वाल सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना और विकास में योगदान देने वाले सभी नेताओं का आभार जताया गया।
” जीवन वृत्त
पूर्व विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग
डी .ए .वी (पीजी ) कालेज देहरादून
शैक्षणिक योग्यता –
एम.ए . ( हिन्दी )
बी .एड, पीएच .डी, (हिन्दी )
डी .लिट्
1 . (A)13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । जिनमें से ( 6 ) पुस्तकें इंटरनैशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर, ISBN हैं।
(B) वैदिक प्रकाशन दिल्ली द्वारा ‘नारी की’ , ‘संवेदना’ के
संपादक
2. प्रोफ़ेसर डॉ. पुष्पा खण्डूड़ी के निर्देशन में 13 शोधकार्य कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं ।
3. ‘आकाशवाणी’ रामपुर और आकाशवाणी नजीबाबाद से समय समय पर वार्ताएं एवं ‘दूरदर्शन’ देहरादून से साहित्यिकी के अन्तर्गत कार्यक्रम अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं ।
4 . पूर्व में 3 वर्ष तक उत्तराखण्ड समाज कल्याण बोर्ड की (केन्द्र द्वारा नामित सदस्य )रह चुकी ।
5 . पूर्व में 5 वर्ष तक डीएवी ( पीजी ) कॉलेज शिक्षक संघ की अध्यक्ष तथा दो वर्ष उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।

कालेज के अध्यक्ष पद पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 19-7-2024 को कार्यमुक्त होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. एस .के . सिंह सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकों से अभूतपूर्व स्नेहासिक्त भावभीनी विदाई लेते हुए कई बार मन भाव -विभोर उठा । हर्ष और विदाई की इस बेला में जिनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति ने मुझे गौरवान्वित किया उन सभी का धन्यवाद। मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूँ ।

6 . ‘लोक सेवा आयोग इन्दौर मध्यप्रदेश’ एवं ‘लोकसेवा आयोग हरिद्वार उत्तराखण्ड’ में समय -समय पर साक्षात्कार कर्ता , प्राश्निक, रिव्यूअर आदि के रूप में कार्यशालाओं में भागीदारी ।
7 . उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रमाणिक ‘सम्मानित चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारी, ।
8 .उत्तराखण्ड शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार ।
9.सिंगापुर में एवं नेपाल में अन्तर्राष्ट्रीय शोध -सम्मेलनों शोध-  पत्र वाचन ,एवं नेपाल से , ‘भानु साहित्यिक सम्मान – 2020’ से सम्मानित ।

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